ग्रेटर नोएडा में दम घोंटू हवा का हाहाकार, बना देश का सबसे प्रदूषित शहर

punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 02:44 PM (IST)

नेशनल डेस्क : देशभर के कई हिस्सों में इन दिनों प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, लेकिन सबसे खराब स्थिति दिल्ली और NCR में देखने को मिल रही है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) डार्क रेड जोन में बना हुआ है। मंगलवार को ग्रेटर नोएडा का AQI 454 दर्ज किया गया, जो पूरे देश में सबसे अधिक रहा और पॉल्यूशन की अत्यंत खतरनाक श्रेणी में आता है। एक महीने में यह दूसरी बार है जब ग्रेटर नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर बना है, जिससे प्रशासन और स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ गई है।

प्राधिकरण और प्रशासन की लापरवाही के आरोपों के बीच ग्रेटर नोएडा में कई दिनों से हवा की गुणवत्ता गंभीर से खतरनाक स्तर पर बनी हुई है। नवंबर महीने में दूसरी बार, 18 नवंबर को, ग्रेटर नोएडा ने देश में सबसे प्रदूषित शहर का स्थान हासिल किया। लगातार बढ़ते AQI स्तर लोगों की सेहत को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। मंगलवार को जारी प्रदूषित शहरों की सूची में ग्रेटर नोएडा 454 के AQI के साथ शीर्ष स्थान पर रहा।

ग्रेटर नोएडा सबसे ज्यादा प्रदूषित
मंगलवार को जारी सूची के अनुसार देश के टॉप पांच प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद दूसरे स्थान पर रहा, जहां AQI 434 दर्ज किया गया। तीसरे स्थान पर हापुड़ रहा जिसका AQI 398 रहा, जबकि चौथे स्थान पर बागपत 397 के AQI के साथ शामिल हुआ। नोएडा 390 के AQI के साथ पांचवें स्थान पर रहा।

ग्रेटर नोएडा में पिछले 11 दिनों से हवा ‘जहरीली’ बनी हुई है। 14 नवंबर को यहां AQI 377, 15 नवंबर को 368, 16 नवंबर को 419, 17 नवंबर को 390 और 18 नवंबर को सबसे अधिक 454 दर्ज किया गया, जो अत्यंत खतरनाक स्तर को दर्शाता है।

स्मॉग की मोटी चादर, आसमान गायब
दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग की इतनी मोटी परत छाई हुई है कि ज्यादातर इलाकों में दिन में भी आसमान नजर नहीं आ रहा। प्रदूषण का यह घना आवरण लोगों की सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश और सिर दर्द जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए तथा बाहर निकलने से जहां तक हो सके बचना चाहिए।


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Content Editor

Shubham Anand

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