क्या है 9-9-6 वर्क कल्चर जिसपर नारायण मूर्ति ने दिया बड़ा बयान, सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 04:18 PM (IST)
नेशनल डेस्क : इंफोसिस के को-फाउंडर और दिग्गज उद्यमी एन.आर. नारायण मूर्ति एक बार फिर काम के घंटों को लेकर सुर्खियों में हैं। 79 वर्षीय नारायण मूर्ति ने अब भारत के युवाओं को सप्ताह में 72 घंटे काम करने की सलाह दी है। उन्होंने चीन के पुराने 9-9-6 वर्क कल्चर का उदाहरण देते हुए कहा कि बिना कड़ी मेहनत के न तो व्यक्ति आगे बढ़ सकता है और न ही देश तरक्की कर सकता है।
पहले कड़ी मेहनत जरूरी
एक टीवी इंटरव्यू में नारायण मूर्ति ने कहा, “जीवन को बेहतर बनाने के लिए सबसे पहले कड़ी मेहनत करनी होगी। पहले खुद को और अपने परिवार को मजबूत बनाओ, उसके बाद वर्क-लाइफ बैलेंस की बात सोचो।” उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया का कोई भी समाज या देश बिना लंबे समय तक मेहनत किए सफल नहीं हुआ है।
नारायण मूर्ति ने बताया कि उनकी कंपनी कैटामरन के कुछ सीनियर और मिड-लेवल कर्मचारी हाल ही में चीन गए थे। वहां टियर-1 से टियर-3 शहरों तक उन्होंने देखा कि एक समय चीन में लोग सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक और सप्ताह में 6 दिन काम करते थे – यानी पूरा 72 घंटे का वर्क वीक। यही वजह है कि चीन इतनी तेजी से आगे बढ़ा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण भी दिया और कहा कि पीएम मोदी सप्ताह में करीब 100 घंटे काम करते हैं, जो युवाओं के लिए प्रेरणा है।
क्या है चीन का 9-9-6 वर्क रूल?
हालांकि नारायण मूर्ति ने जिस 9-9-6 कल्चर की तारीफ की, उसी को चीन की सरकार ने बाद में कर्मचारियों के शोषण के कारण गैरकानूनी घोषित कर दिया था। लंबे वर्किंग आवर्स से कर्मचारियों की सेहत बिगड़ रही थी, थकावट बढ़ रही थी और वर्क-लाइफ बैलेंस पूरी तरह खत्म हो गया था।
सोशल मीडिया पर अलग-अलग रिएक्शन
नारायण मूर्ति का बयान जैसे ही सामने आया, सोशल मीडिया पर पुरानी बहस फिर शुरू हो गई। कुछ यूजर्स उनकी बात से सहमत हैं और कह रहे हैं कि देश की प्रगति के लिए मेहनत जरूरी है। वहीं अधिकांश यूजर्स सवाल उठा रहे हैं कि जब वेतन कम है, इन्फ्रास्ट्रक्चर सही नहीं है और जीवन की बुनियादी सुविधाएं भी पूरी नहीं हैं, तो 72 घंटे काम करने की बात कैसे की जा सकती है।
