Tatkal ticket booking: IRCTC के तत्काल सिस्टम में तगड़ा फ्रॉड! सर्वे में हुआ खुलासा
punjabkesari.in Tuesday, Jun 03, 2025 - 08:07 AM (IST)

नेशनल डेस्क: जब यात्रा की ज़रूरत अचानक सामने आ जाए, तो भारतीय रेलवे की ‘तत्काल टिकट’ सेवा एक उम्मीद की तरह मानी जाती है। लेकिन हालात अब ऐसे बन गए हैं कि यह सुविधा खुद एक बड़ी समस्या बन चुकी है। एक हालिया सर्वेक्षण में देशभर के हजारों यात्रियों ने तत्काल टिकट बुकिंग को लेकर अपनी नाराज़गी खुलकर जाहिर की है।
एक मिनट में वेटिंग! क्या टिकटें पहले से बुक हो रही हैं?
देश के 396 जिलों के 55,000 से ज्यादा यात्रियों पर आधारित लोकलसर्कल्स के सर्वे में सामने आया कि 73% लोग तत्काल बुकिंग विंडो खुलते ही एक मिनट के अंदर वेटिंग लिस्ट में चले गए। इससे यह संदेह गहराता जा रहा है कि कहीं ये टिकट पहले से ही किसी और के पास तो नहीं पहुंच रहे?
तकनीकी खामियों से जूझते यात्री
आईआरसीटीसी की वेबसाइट और ऐप पर बुकिंग की कोशिश करने वाले यात्रियों ने तकनीकी दिक्कतों की भरमार की शिकायत की:
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कई बार वेबसाइट या ऐप खुलते ही क्रैश हो जाता है।
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पेज लोड होने तक टिकटें फुल हो जाती हैं।
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पेमेंट कट जाता है, लेकिन टिकट कन्फर्म नहीं होता – और रिफंड भी समय पर नहीं मिलता।
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सीटें बुकिंग के बीच में ही 'अनअवेलेबल' दिखने लगती हैं।
सर्वे के चौंकाने वाले आंकड़े
18,851 प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया के अनुसार:
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29% यात्रियों ने कहा कि उन्हें केवल 0-25% बार सफलता मिली।
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29% ने बताया कि उन्हें कभी सफलता नहीं मिली।
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केवल 10% यात्री ही हर बार टिकट बुक करने में सफल रहे।
भरोसे की बुनियाद हिल रही है
सिर्फ 40% लोग अब भी आईआरसीटीसी से टिकट बुक करने में भरोसा रखते हैं। बाकी या तो एजेंट्स के जरिए बुकिंग करवा रहे हैं या फिर स्टेशन की लंबी कतारों का सामना कर रहे हैं।
घोटाले की पृष्ठभूमि और सुधार के बावजूद समस्याएं बरकरार
2016 में तत्काल टिकट बुकिंग में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ था, जिसमें फर्जी नामों से टिकट बुक कर उन्हें असली यात्रियों को ट्रांसफर किया जाता था। रेलवे ने तब कैप्चा, OTP लॉगिन और बुकिंग लिमिट जैसे कई सुधारात्मक कदम उठाए। लेकिन लोकलसर्कल्स के इस नए सर्वे से स्पष्ट है कि एजेंट्स की पकड़ अब भी बनी हुई है और तकनीकी सुधार भी यात्रियों को राहत देने में नाकाम साबित हो रहे हैं। लोकलसर्कल्स ने इस रिपोर्ट को रेल मंत्रालय को सौंपने का निर्णय लिया है, ताकि तत्काल टिकट व्यवस्था में व्याप्त खामियों को दूर किया जा सके।