कंगना को मिला ''Y'' श्रेणी का सुरक्षा कवच, जानें- X, Y, Z और Z प्लस सुरक्षा का मतलब

punjabkesari.in Monday, Sep 07, 2020 - 04:20 PM (IST)

नई दिल्ली: फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की निष्पक्ष जांच की मांग तथा मुंबई पुलिस और बॉलीवुड हस्तियों पर विवादित टिप्पणियों को लेकर सुर्खियों में छाई अभिनेत्री कंगना रनौत पर खतरे की स्थिति के आकलन के बाद केंद्र ने सोमवार को उन्हें वाई श्रेणी सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया। वाई श्रेणी सुरक्षा के तहत कंगना मुंबई में रहने के दौरान दो कमांडो और 11 सुरक्षा कर्मियों के घेरे में रहेंगी।  आइये जानते हैं आइये जानते हैं क्या होती है वाई, जेड और जेड प्लस सिक्योरिटी।

 

क्या है Z सिक्योरिटी
Z+ सिक्योरिटी, Z सिक्योरिटी, Y सिक्योरिटी जैसी श्रेणियों के बारे में भी सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये श्रेणियां वास्तव में होती क्या हैं और किस आधार पर सुरक्षा प्रदान की जाती है? अगर नही तो हम आज आपको बताते हैं कि सुरक्षा के पैमाने क्या होते है और इन्हे किन श्रेणियों में बांटा गया है।

X लेवल सिक्योरिटी
X सिक्योरिटी सबसे बेसिक लेवल का प्रोटेक्शन है। इसमें एक पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर यानि पीएसओ सहित केवल 2 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें कमांडो को शामिल नहीं किया जाता है।

Y लेवल सिक्योरिटी
Y कैटगरी की सुरक्षा में सुरक्षाकर्मियों की संख्या घटकर 11 हो जाती है। इसमें दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर शामिल होते हैं। एक्स कैटगरी की सुरक्षा में दो सुरक्षाकर्मी प्रदान किए जाते हैं। जिसमें एक पीएसओ भी शामिल होता है।


Z लेवल सिक्योरिटी कैटेगरी
Z लेवल सिक्योरिटी की सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी होते हैं जिसमें 4 या 5 एनएसजी के कमांडो को शामिल किया जाता है। इसके अलावा इसमें ITBP, NSG या CRPF को पुलिस के जवान तैनात होते हैं। Y लेवल सिक्योरिटी में एक एस्कॉर्ट कार भी प्रोवाइड होती है।

Z+ कैटेगरी सिक्योरिटी
Z+ कैटगरी की सुरक्षा देश की सबसे बड़ी सुरक्षा मानी जाती है। इसके तहत 36 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। इसमें एनएसजी, एसपीजी कमांडो, आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान शामिल होते हैं। इस सुरक्षा में पहले घेरे की जिम्मेदारी एनएसजी और दूसरे घेरे का जिम्मा एसपीजी कमांडो के पास होता है। देश में 15 लोगों को जेड प्लस कैटगरी की सुरक्षा दी गई है।

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SPG सुरक्षा
अक्तूबर 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में एसपीजी की स्थापना की गई थी। यह सुरक्षा प्रधानमंत्री, पूर्व और उनके परिवार को दिया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गांधी परिवार को एसपीजी की सुरक्षा प्राप्त है। यह सुरक्षा का सबसे ऊंचा स्तर होता है। इसमें तैनात कमांडो के पास अत्याधुनिक हथियार और संचार उपकरण होते हैं।

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किसे दी जाती है ये सिक्योरिटी?
देश के सम्मानित लोगों और पॉलिटिशियंस को जान का खतरा होने तो उसे सिक्योरिटी दी जाती है। ये सुरक्षा मिनिस्टर्स को मिलने वाली सिक्योरिटी से अलग होती है। इसमें पहले सरकार को इसके लिए एप्लीकेशन देना होता है, जिसके बाद सरकार खुफिया एजेंसीज जरिए होने वाले खतरे का अंदाजा लगाती हैं। खतरे की बात कंफर्म होने पर सुरक्षा दी जाती है।


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Anil dev

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