इस कपल को कभी नहीं भूलेगा सरप्राइज बर्थडे ट्रिप...भीषण बारिश-लैंडस्लाइड में 3 दिन तक मनाली में फंसे रहे
punjabkesari.in Monday, Jul 17, 2023 - 11:43 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सोनिया रोहरा का 35वां जन्मदिन था और उसके पति लोकेश पंजाबी ने सरप्राइज ट्रिप प्लान किया। लोकेश सोनिया को जन्मदिन बनाने के लिए मनाली ले गए। लोकेश चाहता था कि सोनिया का बर्थडे यादगार रहे लेकिन उन्होंने सोचा नहीं था कि यह ऐसा यादगार बनेगा कि पूरी उम्र उनका यह भूलेगा नहीं। हिमाचल प्रदेश में इन दिनों भारी बारिश और बाढ़ से राज्य का बुरा हाल है। यह कपल भी बाढ़ में तीन दिन तक बिना किसी सुविधा के कुल्लू के एक गांव में फंसा रहा। एक मार्केटिंग एजेंसी में वरिष्ठ प्रबंधक सोनिया और पुणे में एक आईटी फर्म में प्रबंधक लोकेश 7 जुलाई को मनाली की यात्रा पर निकले थे।
एक न्यूज चैनल से बात करते हुए लोकेश ने बताया कि उसकी पत्नी सोनिया का जन्मदिन 4 जुलाई को होता है लेकिन तब कुछ खास प्लान नहीं कर पाया तो सोचा कि सरप्राइज ट्रिप पर उसे ले जाता हूं। लोकेश ने बताया कि सोनिया को पहाड़ काफी पंसद है, इसलिए कसोल और मनाली में होटल पहले से बुक कर लिए। लोकेश ने बताया कि हमने 8 जुलाई को तड़के करीब 4.20 बजे पुणे से उड़ान भरी और सुबह 6 बजे चंडीगढ़ पहुंचे, हमें चंडीगढ़ से कसोल और फिर आगे मनाली ले जाने के लिए कैब की व्यवस्था पहले ही कर दी गई थी, मगर उनका जोश जल्द ही फीका पड़ गया क्योंकि कसोल पहुंचने से पहले ही तेज बारिश होने लगी।
सोनिया ने बताया कि जब हम शाम 6 बजे कसोल पहुंचे, तब तक भारी बारिश हो रही थी। सोनिया ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि बारिश जल्द बंद हो जाएगी और मनाली के आगे सफर पर निकलेंगे। 9 जुलाई को जैसे ही वे मणिकर्ण साहिब के रास्ते मनाली की ओर बढ़ने के लिए तैयार हुए, उन्हें पता चला कि मौसम खराब हो गया है। मणिकर्ण साहिब की ओर कुछ किलोमीटर आगे भारी बारिश के कारण गिरे हुए पेड़ से उनका रास्ता ठप हो गया। आगे बढ़ने का कोई रास्ता नहीं होने के कारण उनको कुल्लू के रास्ते मनाली की ओर वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
रास्ते पर गिरे थे पत्थर और बड़ी-बड़ी चट्टानें
भारी बारिश के बीच ही वे लोग आगे बढ़ते रहे। रास्ते में चट्टानें और पत्थर गिर रहे थे। मनाली से 25 किलोमीटर दूर पथलीकुल पुल पर उनको रेड अलर्ट और बैरिकेड्स का सामना करना पड़ा। उनको वहीं से वापस लौटने को कहा गया। भारी बारिश के कारण अंधेरा जल्दी हो गया इसलिए दंपति ने पास के डोभी गांव में होटल ढूंढा। होटल में बिजली, पानी और इंटरनेट कनेक्टिविटी कुछ भी नहीं थी। होटल उफनती ब्यास नदी के करीब था। 10 जुलाई की सुबह उनको पता चला कि वहां कई और लोग भी फंसे हुए हैं। फोन सिग्नल नहीं, इंटरनेट नहीं और न ही बिजली होने के कारण वे लोग बाकी दुनिया से अलग-थलग पड़ गए।
11 जुलाई को, लोकेश को स्थानीय लोगों से पता चला कि हाईवे टूट गया है और मरम्मत में एक से दो हफ्ते लग सकते हैं। ऐसे में उनकी हालत बुरी हो गई क्योंकि होटल वाले काफी किराया वसूल रहे थे। 12 जुलाई को आखिरकार बारिश थोड़ी हल्की हुई तो उन्होंने वहां से निकलने की सोची। होटल में ही ठहरे दो लोग भी उनके साथ हो लिए। उन लोगों के पास अपनी कार थी जो मंडी जा रहे थे, उन्होंने लोकेश और सोनिया को लिफ्ट दी। मंडी पहुंचने पर किस्मत ने उनका साथ दिया। चंडीगढ़ के रास्ते गुड़गांव जा रहे दो लोग उनकी मदद के लिए तैयार हो गए, उन्होंने दोनों को चंडीगढ़ तक लिफ्ट दी। 13 जुलाई को वे लोग लगभग 2 बजे चंडीगढ़ पहुंचे, जहां से उन्होंने उस दिन पुणे के लिए उड़ान पकड़ी। सोनिया और लोकेश ने कहा कि यह भगवान की मेहरबानी है कि हम लोग सुरक्षित हैं और उन सभी का तहेदिल से शुक्रिया करते हैं जिन्होंने मुश्किल समय में हमारा साथ दिया।