summer vacations Holidays: गर्मी की लंबी छुट्टियों को लेकर बड़ा बदलाव, अब इतने दिनों से ज्यादा नहीं होगी Holidays....

punjabkesari.in Friday, Nov 08, 2024 - 08:34 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने गर्मी की लंबी छुट्टियों और अवकाशकालीन जज शब्द में बदलाव करते हुए, अब इन्हें ‘आंशिक न्यायालय कार्य दिवस’ का नाम दिया है। इसके अलावा ‘वेकेशन जज’ शब्द को भी बदलकर अब सिर्फ ‘जज’ कर दिया गया है।

यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट रूल्स 2013 के संशोधन का हिस्सा था, जो अब सुप्रीम कोर्ट (दूसरा संशोधन) नियम 2024 के रूप में जारी किया गया है। इसे 5 नवंबर को अधिसूचित किया गया है।

अब 95 दिनों से अधिक नहीं होगी छुट्टी

नोटिफिकेशन के अनुसार, ‘आंशिक न्यायालय कार्य दिवस’ की अवधि और कोर्ट के दफ्तरों की छुट्टियों का निर्धारण चीफ जस्टिस करेंगे। इस संबंध में गजट में अधिसूचना भी जारी की जाएगी। नई व्यवस्था के तहत अब छुट्टियां रविवार को छोड़कर 95 दिनों से अधिक नहीं होंगी।

चीफ जस्टिस के पास होगा अंतिम निर्णय का अधिकार

नए नियमों के अनुसार, चीफ जस्टिस ‘आंशिक न्यायालय कार्य दिवस’ या छुट्टियों के बीच आवश्यक मामलों की सुनवाई के लिए एक या उससे अधिक जजों की नियुक्ति कर सकते हैं। इन सभी निर्णयों का अधिकार चीफ जस्टिस के पास रहेगा।

अवकाशकालीन पीठ का गठन नहीं होगा

पहले गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों के दौरान सुप्रीम कोर्ट में अवकाशकालीन पीठ का गठन किया जाता था। लेकिन अब इस शब्द को समाप्त कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट कैलेंडर (2025) के अनुसार, ‘आंशिक अदालती कार्य दिवस’ 26 मई 2025 से 14 जुलाई 2025 तक होंगे।

‘जज छुट्टियों में भी कार्यरत रहते हैं’

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने पहले भी इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा था कि जज छुट्टियों में भी अपने काम के प्रति समर्पित रहते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जज छुट्टियों में इधर-उधर घूमने या मौज-मस्ती करने के बजाय कानूनी कार्यों में संलग्न रहते हैं।

वीकेंड पर भी सक्रिय रहते हैं जज

मई 2024 में इस मुद्दे पर जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की लंबी छुट्टियों की आलोचना करने वाले यह नहीं समझते कि जजों को वीकेंड पर भी आराम नहीं मिलता। वे अक्सर कार्यक्रमों में भाग लेते हैं, हाई कोर्ट का दौरा करते हैं, या कानूनी सहायता से जुड़े कार्यों में लगे रहते हैं।

इस बदलाव के साथ सुप्रीम कोर्ट ने अपनी कार्यप्रणाली को और अधिक संगठित और आधुनिक बनाने का कदम उठाया है।
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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