Law Student Gang Rape में मेडिकल रिपोर्ट में खुलासा: जबरन संबंध बनाए, दांतों से काटा और नाखूनों से खरोंचा गया
punjabkesari.in Saturday, Jun 28, 2025 - 09:22 AM (IST)

नेशनल डेस्क: दक्षिण कोलकाता के एक प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में सामने आया सामूहिक दुष्कर्म का मामला हर किसी को झकझोर कर रख देने वाला है। पीड़िता की मेडिकल जांच में जिस तरह की हिंसा के प्रमाण सामने आए हैं, उन्होंने इस केस को और भी सनसनीखेज बना दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक छात्रा के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए गए। उसके शरीर पर दांतों से काटे जाने के गहरे निशान हैं और नाखूनों से खरोंचने के कई घाव भी दर्ज किए गए हैं। ये सभी संकेत इस ओर इशारा करते हैं कि उस पर बर्बरता की सारी हदें पार की गईं।
यह घटना 25 जून की शाम कॉलेज परिसर में घटी। बताया जा रहा है कि छात्रा परीक्षा फॉर्म भरने कॉलेज पहुंची थी, तभी एक पूर्व छात्र ने, जो अस्थायी तौर पर कॉलेज में नियुक्त था, उसे शादी का प्रस्ताव दिया। जब छात्रा ने प्रस्ताव ठुकराया, तो उसे जबरन गार्ड रूम में खींचकर ले जाया गया। वहां उसके साथ बलात्कार किया गया, और इस पूरे समय कॉलेज के दो सीनियर छात्र बाहर पहरा देते रहे।
मामला यहीं नहीं रुका। पीड़िता के मुताबिक घटना के दौरान आरोपियों ने उसका वीडियो बनाया और धमकी दी कि अगर उसने किसी से कुछ कहा तो उस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा। साथ ही परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी भी दी गई। इस भय और प्रताड़ना के बीच पीड़िता पूरी रात सहमी रही और आखिरकार हिम्मत जुटाकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें चार दिनों की हिरासत में भेज दिया गया है। गार्ड रूम को फोरेंसिक जांच के लिए सील कर दिया गया है, और आरोपियों के मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं ताकि पता लगाया जा सके कि वीडियो कहीं भेजा गया या नहीं।
इस केस में जो सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई है, वह मुख्य आरोपी की राजनीतिक पृष्ठभूमि है। वह खुद को तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद का पूर्व अध्यक्ष बताता है और उसकी कई तस्वीरें सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं। हालांकि, टीएमसी ने आरोपी से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस जांच के अनुसार यह पूरी घटना करीब तीन घंटे तक चली — शाम 7:30 बजे से लेकर रात 10:30 बजे तक। इस दौरान पीड़िता को न सिर्फ शारीरिक हिंसा का शिकार बनाया गया, बल्कि उसे मानसिक रूप से भी बुरी तरह प्रताड़ित किया गया।
छात्रा ने पुलिस को बताया कि उसके साथ मारपीट की गई, और उसी समय आरोपी ने उसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया। फिर उस वीडियो को वायरल करने की धमकी दी गई। इतना ही नहीं, आरोपी ने उसे साफ शब्दों में कहा कि अगर उसने इस बारे में किसी से कुछ कहा, तो उसका अंजाम उसके परिवार और प्रेमी को भुगतना पड़ेगा।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के डिजिटल पहलू की गहन जांच की जा रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वीडियो को किसी अन्य मोबाइल नंबर पर भेजा गया है या नहीं। साइबर सेल और फोरेंसिक टीमें इस दिशा में काम कर रही हैं।
सामूहिक बलात्कार का मामला क्यों बना?
कोलकाता के मुख्य लोक अभियोजक सोरिन घोषाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार यदि किसी बलात्कार की घटना में एक से अधिक व्यक्ति शामिल होते हैं - चाहे प्रत्यक्ष रूप से या सहयोग के रूप में - तो सभी को सामूहिक बलात्कार के लिए उत्तरदायी माना जाता है। इस मामले में मुख्य आरोपी ने बलात्कार किया, जबकि दो अन्य बाहर पहरा दे रहे थे और पूरी वारदात में उसकी सहायता कर रहे थे। ऐसे में सभी तीनों आरोपी कानून की नजर में समान रूप से दोषी हैं।