Marital Rape पर शशि थरूर का बड़ा बयान- ''पति को सजा क्यों नहीं? यह न्याय का मज़ाक है!''
punjabkesari.in Friday, Dec 12, 2025 - 12:05 PM (IST)
नेशनल डेस्क: कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने 'मैरिटल रेप' के मुद्दे पर भारत की कानूनी व्यवस्था की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में यदि कोई पति अपनी पत्नी की सहमति के बिना शारीरिक संबंध बनाता है, तो इसे अपराध नहीं माना जाता, जो कि 'न्याय का मज़ाक' है।
पतियों को छूट पर ऐतराज:
एक महिला-केंद्रित कार्यक्रम में बोलते हुए थरूर ने इस बात पर हैरानी जताई कि भारत उन चुनिंदा लोकतंत्रों में से एक है जहाँ पति को मैरिटल रेप के अपराध में छूट मिलती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश में मजबूत एंटी-रेप कानून होने के बावजूद वैवाहिक बलात्कार को गंभीरता से नहीं लिया जाता है।
महिलाओं के खिलाफ हिंसा:
थरूर ने इस प्रावधान को 'महिलाओं के खिलाफ हिंसा' बताते हुए कहा कि अगर कोई पति शादी के रिश्ते का हवाला देकर पत्नी की इच्छा के विरुद्ध ताकत के बल पर शारीरिक संबंध बनाता है, तो यह कानून का उल्लंघन है।

थरुर ने की पुरानी सोच की आलोचना:
थरूर ने इस कानूनी छूट के पीछे की पुरानी सोच पर सवाल उठाए, जो विवाह को एक 'पवित्र संस्कार' मानती है और मानती है कि इसके भीतर होने वाली किसी भी घटना को अपराध नहीं माना जा सकता। उन्होंने इस सोच को गलत बताया।
अलग हुए दंपतियों में चिंता:
उन्होंने खास तौर से उन मामलों पर चिंता व्यक्त की जहाँ दंपति अलग हो चुके हैं। थरूर ने कहा कि ऐसे अलग हो चुके दंपतियों में वैवाहिक बलात्कार की घटनाएँ ज़्यादा होती हैं, लेकिन कानूनी रूप से पति-पत्नी माने जाने के कारण, पत्नी के साथ जबरदस्ती होने पर भी पति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।
कानून में बदलाव की मांग:
थरूर ने 'घरेलू बलात्कार' के खिलाफ सख्त और उचित कानून बनाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने दुःख जताया कि संबंधित मंत्रालयों की महिला मंत्री भी इस गंभीर पहलू पर ध्यान नहीं दे रही हैं, जिससे ऐसी क्रूरताओं को रोकने में कमी आ रही है।
