''दो महीने में दो बेटे खो दिए'', कठुआ हमले में शहीद हुए आदर्श नेगी के परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

punjabkesari.in Tuesday, Jul 09, 2024 - 09:49 PM (IST)

नेशनल डेस्कः जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सोमवार को हुए आतंकी हमले में पांच जवानों शहीद हो गए। सभी पांचों जवान उत्तराखंड के रहने वाले थे। भारतीय सेना में मेजर के पद पर कार्यरत 33 वर्षीय प्रणय नेगी की मौत से उबरने की कोशिश कर रहे परिवार को एक और बड़ा झटका लगा। जब सोमवार को जम्मू-कश्मीर में सैन्य काफिले पर हुए हमले में उनके चचेरे भाई 26 वर्षीय आदर्श नेगी शहीद हो गए।

राइफलमैन के चाचा बलवंत सिंह नेगी ने कहा, "सिर्फ दो महीने पहले ही हमने एक बेटे को खोया था, जो देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया। वह मेजर था। अब हमें पता चला है कि जम्मू-कश्मीर में काफिले पर हुए आतंकवादी हमले में पौड़ी-गढ़वाल क्षेत्र के पांच सैन्यकर्मी शहीद हो गए हैं, जिसमें हमारे क्षेत्र के पांच लोग भी मारे गए हैं, जिनमें आदर्श भी शामिल है।" बलवंत नेगी के बेटे मेजर प्रणय नेगी लेह में सेवारत थे और 30 अप्रैल को शहीद हो गए।

आदर्श नेगी उन पांच सैन्यकर्मियों में शामिल थे, जो सोमवार दोपहर जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के माचेडी इलाके में सैन्य काफिले पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में मारे गए। आतंकवादियों ने सेना के वाहनों पर ग्रेनेड फेंका, जो कठुआ से करीब 150 किलोमीटर दूर माचेडी-किंडली-मल्हार मार्ग पर नियमित गश्त पर थे और फिर गोलीबारी की। नेगी 2018 में गढ़वाल राइफल्स में शामिल हुए और उनके पिता किसान हैं। उनकी मां, भाई और बड़ी बहन हैं। उनके भाई चेन्नई में काम करते हैं जबकि उनकी बड़ी बहन शादीशुदा हैं।

सैनिक के चाचा ने कहा, "वह बहुत होशियार बच्चा था और उसने गांव के एक स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। फिर उसने गढ़वाल विश्वविद्यालय से बीएससी की पढ़ाई की। वह हमेशा बहुत फिट रहता था और मैंने उसे अपनी शारीरिक फिटनेस बनाए रखने के लिए कहा, जिसके कारण उसे आखिरकार सेना में नौकरी मिल गई और अब उसने देश के लिए अपनी जान दे दी है।" उन्होंने कहा, "हमने दो महीने में अपने दो बेटों को खो दिया है। मैं सरकार से कुछ सख्त कदम उठाने का अनुरोध करूंगा। रोजगार की कमी है और गढ़वाल और कुमाऊं से देश की सेवा करने के लिए जाने वाले बच्चे अक्सर शहीद होकर लौटते हैं। इससे पूरा परिवार टूट जाता है।"

 

राइफलमैन आदर्श नेगी ने रविवार को अपने पिता से फोन पर बात की थी। अगले दिन दलबीर सिंह नेगी को फिर से फोन आया, लेकिन इस बार उनका बेटा लाइन पर नहीं था, एक सूचना थी कि उनका बेटा जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकवादी हमले में शहीद हो गया है।

सोमवार शाम को आए इस फोन कॉल ने उत्तराखंड के टिहरी जिले के थाती डागर गांव में रहने वाले परिवार को सदमे में डाल दिया। किसान के बेटे आदर्श नेगी (25) तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। सेना के जरिए देश की सेवा करने का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। सोमवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सेना के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले में उत्तराखंड के पांच जवान शहीद हो गए। नेगी उनमें से एक थे। यह एक महीने के भीतर जम्मू क्षेत्र में हुआ पांचवां आतंकवादी हमला था। द

लबीर सिंह नेगी ने बताया कि उनके बेटे ने पिपलीधार के राजकीय इंटर कॉलेज से 12वीं तक पढ़ाई की और फिर बीएससी करने के लिए गढ़वाल विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। उन्होंने बताया कि गढ़वाल राइफल्स में भर्ती होने के लिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। दलबीर सिंह नेगी ने बहते आंसू रोकने की कोशिश करते हुए कहा, “मैंने उससे आखिरी बार सात जुलाई को फोन पर बात की थी। वह फरवरी में घर आया था और 26 मार्च को ड्यूटी पर लौट गया था।” 
 


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Content Writer

Yaspal

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