दावा: कुख्यात अरबपति व्यापारी ने अमेरिकी फंडिंग का किया दुरुपयोग, भारत और बांग्लादेश में फैलाई अराजकता

punjabkesari.in Tuesday, Feb 25, 2025 - 01:58 PM (IST)

Washington: अमेरिका के कुख्यात अरबपति व्यापारी जॉर्ज सोरोस को लेकर एक बार फिर चौंकाने वाला दावा किया गया है। आरोप है कि  जॉर्ज सोरोस ने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सरकारी फंडिंग के दसियों अरब डॉलर का दुरुपयोग किया। यह फंडिंग विभिन्न सरकारी योजनाओं, परियोजनाओं और संस्थाओं के माध्यम से थी, जिनका उपयोग सोरोस की निवेश रणनीतियों को बढ़ावा देने के लिए किया गया। सोरोस ने कई देशों में अपनी कंपनियों और चैरिटेबल फाउंडेशनों के माध्यम से सरकारी मदद को प्रभावी रूप से लागू किया, जो उन्हें वैश्विक स्तर पर अपने व्यवसायिक और सामाजिक प्रभाव को बढ़ाने में सहायक था। उनके इन निवेशों में विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि शिक्षा, मानवाधिकार, और वित्तीय प्रणाली को सुधारने के प्रयास शामिल थे।

 

BREAKING:

So far, its been determined that George Soros received $260M from USAID.

He didn't spend his own money to destroy the American justice system.

He used ours.
https://t.co/rlLCbOKmaO

— Mila Joy (@MilaLovesJoe) February 24, 2025


इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी दावा किया था कि जॉर्ज सोरोस के संगठन ने अमेरिकी सरकारी एजेंसी 'यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट' (USAID) से 260 मिलियन डॉलर की फंडिंग प्राप्त की, जिसे उन्होंने भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान, यूक्रेन, सीरिया, ईरान, ब्रिटेन और अमेरिका में अराजकता फैलाने और सरकारों को अस्थिर करने के लिए इस्तेमाल किया।  ट्रंप के अनुसार, सोरोस ने इस धनराशि का उपयोग विभिन्न देशों में विरोध आंदोलनों को बढ़ावा देने, सरकारें बदलने और निजी लाभ अर्जित करने के लिए किया। उनका आरोप है कि सोरोस की गतिविधियों से अमेरिका समेत कई देशों में राजनीति और समाज में अस्थिरता पैदा हुई। 

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तुर्की की अनादोलु एजेंसी के अनुसार, पिछले 15 वर्षों में USAID ने जॉर्ज सोरोस के Open Society Foundation से जुड़े East-West Management Institute को 270 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग दी है। यह संस्थान लोकतांत्रिक समाज को सुदृढ़ बनाने और पारदर्शी संस्थान बनाने के उद्देश्य से कार्य करता है। इसके फंडिंग का बड़ा हिस्सा USAID और अमेरिकी विदेश विभाग से आता है। इसके अलावा, सोरोस द्वारा समर्थित एंटी-करप्शन एक्शन सेंटर भी USAID को अपनी सबसे बड़ी फंडिंग संस्था मानता है, जो इसके कुल फंडिंग का 20.7 प्रतिशत योगदान करता है। अमेरिका में आलोचक इस फंडिंग पर सवाल उठा रहे हैं और USAID पर आरोप लगा रहे हैं कि वह सोरोस के निजी हितों के लिए काम करता है और देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है। इस खुलासे ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति और अमेरिका की विदेशी नीति पर एक नई बहस शुरू कर दी है, जहां सोरोस और उनके संगठन की गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। 

  


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Content Writer

Tanuja

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