पाकिस्तान के इतिहास में सबसे चुनौतीपूर्ण वर्षों में शामिल हुआ साल 2025, भारत ने सैन्य टकराव में फिर चटाई धूल

punjabkesari.in Wednesday, Dec 31, 2025 - 06:48 PM (IST)

International Desk:  साल 2025 पाकिस्तान के इतिहास में सबसे चुनौतीपूर्ण वर्षों में शामिल हो गया, जब उसे भारत के साथ दशकों में सबसे बड़े सैन्य टकराव, गहराते आंतरिक राजनीतिक संकट और लगातार कमजोर होती अर्थव्यवस्था का सामना करना पड़ा। भारत और पाकिस्तान के बीच यह टकराव न केवल सैन्य बल्कि कूटनीतिक और रणनीतिक स्तर पर भी दूरगामी प्रभाव छोड़ गया। गर्मियों में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई, के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ढांचों पर समन्वित मिसाइल हमले किए। ड्रोन, मिसाइल और अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल ने वैश्विक स्तर पर चिंता पैदा कर दी कि यह संघर्ष पूर्ण युद्ध में बदल सकता है।

 

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने स्पष्ट किया कि खुफिया सूचनाओं के अनुसार भारत पर और हमले की आशंका थी, इसलिए यह कार्रवाई निवारक और एहतियाती कदम के रूप में की गई। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह के अनुसार, इन हमलों में अमेरिका निर्मित एफ-16 सहित कम से कम एक दर्जन पाकिस्तानी सैन्य विमान नष्ट या क्षतिग्रस्त हुए। हालांकि, दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच सीधे संवाद के बाद 10 मई को संघर्ष समाप्त हो गया। इसके बावजूद पाकिस्तान ने चीनी सैन्य उपकरणों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया, जिससे चीन पर उसकी बढ़ती रक्षा निर्भरता उजागर हुई। इस दौरान तुर्किये और अजरबैजान से भी उसे समर्थन मिला।

 

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर  कूटनीतिक सक्रियता बढ़ी
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की कूटनीतिक सक्रियता बढ़ी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया, जिसके बाद उन्हें पदोन्नत कर फील्ड मार्शल बनाया गया और पहला ‘चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज’ नियुक्त किया गया। ट्रंप ने कई बार दावा किया कि उन्होंने भारत-पाक संघर्ष को समाप्त कराने में भूमिका निभाई, हालांकि भारत ने इसे द्विपक्षीय सैन्य संवाद का परिणाम बताया। इसी बीच पाकिस्तान ने सऊदी अरब के साथ सितंबर 2025 में रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौता (SMDA) किया, जिसके तहत एक देश पर हमले को दोनों पर हमला माना जाएगा। भारत इस नई सुरक्षा व्यवस्था पर करीबी नजर बनाए हुए है।

 

घरेलू मोर्चे पर भी पाकिस्तान हारा
घरेलू मोर्चे पर पाकिस्तान में सैन्य प्रभुत्व और मजबूत हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना-2 भ्रष्टाचार मामले में 17 साल की सजा सुनाई गई, जिससे रावलपिंडी और इस्लामाबाद में हिंसक झड़पें हुईं। वहीं, पूर्व ISI प्रमुख फैज हमीद को भी 14 साल कैद की सजा मिली। सुरक्षा स्थिति और खराब हुई, जब आतंकवादी घटनाओं में 25% की वृद्धि दर्ज की गई। खैबर पख्तूनख्वा सबसे अधिक प्रभावित रहा। अफगान सीमा पर झड़पों में सैकड़ों तालिबान और TTP लड़ाकों के मारे जाने का दावा किया गया, जबकि पाकिस्तानी सैनिकों की भी जान गई।

 

पाकिस्तान ने अल्पकालिक आर्थिक स्थिरता झेली 
 आईएमएफ के अनुसार पाकिस्तान ने अल्पकालिक स्थिरता तो पाई, लेकिन भारी कर्ज, कमजोर निवेश और रोजगार की धीमी रफ्तार बड़ी चुनौती बनी रही। कुल मिलाकर 2025 पाकिस्तान के लिए सैन्य तनाव, राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक दबावों का साल साबित हुआ।साल 2025 पाकिस्तान के इतिहास में सबसे चुनौतीपूर्ण वर्षों में शामिल हो गया, जब उसे भारत के साथ दशकों में सबसे बड़े सैन्य टकराव, गहराते आंतरिक राजनीतिक संकट और लगातार कमजोर होती अर्थव्यवस्था का सामना करना पड़ा। भारत और पाकिस्तान के बीच यह टकराव न केवल सैन्य बल्कि कूटनीतिक और रणनीतिक स्तर पर भी दूरगामी प्रभाव छोड़ गया।

 

गर्मियों में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई, के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ढांचों पर समन्वित मिसाइल हमले किए। ड्रोन, मिसाइल और अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल ने वैश्विक स्तर पर चिंता पैदा कर दी कि यह संघर्ष पूर्ण युद्ध में बदल सकता है। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने स्पष्ट किया कि खुफिया सूचनाओं के अनुसार भारत पर और हमले की आशंका थी, इसलिए यह कार्रवाई निवारक और एहतियाती कदम के रूप में की गई। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह के अनुसार, इन हमलों में अमेरिका निर्मित एफ-16 सहित कम से कम एक दर्जन पाकिस्तानी सैन्य विमान नष्ट या क्षतिग्रस्त हुए।

 

चीन पर  बढ़ती रक्षा निर्भरता उजागर
हालांकि, दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच सीधे संवाद के बाद 10 मई को संघर्ष समाप्त हो गया। इसके बावजूद पाकिस्तान ने चीनी सैन्य उपकरणों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया, जिससे चीन पर उसकी बढ़ती रक्षा निर्भरता उजागर हुई। इस दौरान तुर्किये और अजरबैजान से भी उसे समर्थन मिला।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की कूटनीतिक सक्रियता बढ़ी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया, जिसके बाद उन्हें पदोन्नत कर फील्ड मार्शल बनाया गया और पहला ‘चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज’ नियुक्त किया गया। ट्रंप ने कई बार दावा किया कि उन्होंने भारत-पाक संघर्ष को समाप्त कराने में भूमिका निभाई, हालांकि भारत ने इसे द्विपक्षीय सैन्य संवाद का परिणाम बताया।

 

रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौता
इसी बीच पाकिस्तान ने सऊदी अरब के साथ सितंबर 2025 में रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौता (SMDA) किया, जिसके तहत एक देश पर हमले को दोनों पर हमला माना जाएगा। भारत इस नई सुरक्षा व्यवस्था पर करीबी नजर बनाए हुए है। घरेलू मोर्चे पर पाकिस्तान में सैन्य प्रभुत्व और मजबूत हुआ। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना-2 भ्रष्टाचार मामले में 17 साल की सजा सुनाई गई, जिससे रावलपिंडी और इस्लामाबाद में हिंसक झड़पें हुईं। वहीं, पूर्व ISI प्रमुख फैज हमीद को भी 14 साल कैद की सजा मिली।

 

सुरक्षा स्थिति और खराब हुई
सुरक्षा स्थिति और खराब हुई, जब आतंकवादी घटनाओं में 25% की वृद्धि दर्ज की गई। खैबर पख्तूनख्वा सबसे अधिक प्रभावित रहा। अफगान सीमा पर झड़पों में सैकड़ों तालिबान और TTP लड़ाकों के मारे जाने का दावा किया गया, जबकि पाकिस्तानी सैनिकों की भी जान गई।आर्थिक मोर्चे पर आईएमएफ के अनुसार पाकिस्तान ने अल्पकालिक स्थिरता तो पाई, लेकिन भारी कर्ज, कमजोर निवेश और रोजगार की धीमी रफ्तार बड़ी चुनौती बनी रही। कुल मिलाकर 2025 पाकिस्तान के लिए सैन्य तनाव, राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक दबावों का साल साबित हुआ।


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Content Writer

Tanuja

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