ब्रिटेन व अमरीका में तिरंगे के अपमान पर भड़के सिख, दिल्ली में रोष प्रदर्शन

punjabkesari.in Tuesday, Mar 21, 2023 - 05:39 PM (IST)

सेन फ्रांसिस्को/लंदन/नई दिल्ली : भारत में 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह सहित खालिस्तानी समर्थकों पर कार्रवाई से विदेश में रहने वाले खालिस्तानी विचारधारा के लोग बौखला गए हैं। लंदन में खालिस्तानी समर्थकों ने तिरंगे का अपमान करने के बाद उन्होंने ऐसी ही हरकत अमरीका में भी की। अमरीका के सेन फ्रांसिस्को में खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला करके उसे क्षतिग्रस्त कर दिया।

खालिस्तान समर्थकों ने नारे लगाते हुए अस्थाई सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए वाणिज्य दूतावास परिसर के अंदर 2 खालिस्तानी झंडे लगाए। वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों ने उन झंडों को तत्काल हटा दिया। प्रदर्शनकारियों ने वाणिज्य दूतावास परिसर में दरवाजों और खिड़कियों पर छड़ें भी बरसाईं। सेन फ्रांसिस्को से पूर्व, लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में रविवार सायं मुट्ठी भर खालिस्तानियों ने उपद्रव मचाने की कोशिश की। इन लोगों ने तिरंगे को उतार दिया और खालिस्तानी झंडे लगाने की कोशिश की।

खालिस्तान के समर्थकों ने अमृतपाल सिंह-थीम वाले झंडे और पोस्टर लहराते हुए भारतीय उच्चायोग के सामने प्रदर्शन किया। 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारों के बीच एक व्यक्ति को भारतीय उच्चायोग की दीवार फांदते देखा गया। उधर, ऑस्ट्रेलिया के केनबरा में भी खालिस्तान समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया। यहां खालिस्तान समर्थक ऑस्ट्रेलियाई संसद के बाहर एकत्र हुए और जमकर नारेबाजी की। ब्रिटेन व अमरीका में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा तिरंगे का अपमान करने पर भारत में सिख आग-बबूला हैं।

दोनों देशों में हुई भारत-विरोधी घटनाओं के विरोध में सोमवार को दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग के बाहर सिख समुदाय से जुड़े लोगों ने रोष प्रदर्शन किया। हाथों में तिरंगा लिए कई लोग चाणक्यपुरी स्थित उच्चायोग के कार्यालय के बाहर पहुंचे हुए थे। इन लोगों ने यहां 'वी लव इंडिया' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए। नारे लगा रहे लोगों का कहना था कि तिरंगे के अपमान को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।सिखों के दिल्ली में प्रदर्शन का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें कई लोग हाथों में तिरंगा लहराते हुए देश का गुणगान कर रहे हैं। इन लोगों के हाथ में बैनर भी हैं। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने इन लोगों को यू.के. उच्चायोग में घुसने से रोका।  

 


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Content Editor

rajesh kumar

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