24 hours before Death: मौत से पहले के संकेत! 24 घंटे पहले ये 3 लक्षण बताते हैं कि अब समय...
punjabkesari.in Tuesday, Nov 18, 2025 - 01:26 PM (IST)
नेशनल डेस्क: दुनिया भर में पैलिएटिव और हॉस्पिस केयर में काम करने वाली नर्सें मरीजों और उनके परिवारों को जीवन के अंतिम चरण के डर से निकालने की कोशिश करती हैं। अमेरिका की हॉस्पिस नर्स जूली मैकफैडन भी कई सालों से लोगों की इसी तरह मदद कर रही हैं। वह सोशल मीडिया पर “नर्स जूली” के नाम से जानी जाती हैं और अक्सर अपने अनुभव साझा करती हैं ताकि परिवारों को समझ आ सके कि मृत्यु से पहले मरीज किन भावनाओं और शारीरिक बदलावों से गुजरते हैं।

जूली का कहना है कि कई लोग अपने अंतिम दिनों में भावुक बातें करने लगते हैं। किसी से प्यार जताना आभार व्यक्त करना या किसी गलती के लिए माफी मांगना। उनके वीडियो देखकर लोग अक्सर भावुक हो जाते हैं। उनका अनुभव कहता है कि कई मरीज अपने जाने का समय भी खुद 'महसूस' कर लेते हैं। कुछ लोग किसी खास तारीख या किसी प्रियजन के आने का इंतजार करते हैं, मानो उनका जाने का सफर उसी बात से जुड़ा हो। जूली याद करती हैं कि कई बार मरीज स्पष्ट रूप से बता देते हैं कि वे किस दिन या किस समय विदा होंगे और हैरानी की बात यह है कि ऐसा अक्सर सच भी हो जाता है।
मृत्यु से लगभग 24 घंटे पहले शरीर कुछ स्पष्ट संकेत देने लगता है। इनमें सबसे प्रमुख है एक खास तरह की आवाज जिसे “डेथ रैटल” कहा जाता है। यह तब होती है जब मरीज निगल नहीं पाता और गले में लार व बलगम जमा हो जाता है। यह आवाज सुनने वालों को असहज कर सकती है, लेकिन नर्सों के मुताबिक इससे मरीज को कोई दर्द नहीं होता।

इसके अलावा सांसों का पैटर्न भी बदलने लगता है। सांसें अनियमित, बहुत धीमी और कभी-कभी रुक-रुककर चलती हैं। कई बार ऐसा लगता है कि मरीज ने सांस लेना बंद कर दिया है, लेकिन कुछ सेकंड बाद वह फिर सांस लेता है। यह शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया है जो अंतिम घंटे आने का संकेत देती है। कुछ मामलों में एगोनल ब्रीदिंग भी दिखाई देती है, जिसमें सांसें हांफने जैसी लगती हैं। यह परिवार के लिए बेहद कठिन क्षण हो सकते हैं, मगर शोध बताते हैं कि मरीज को इससे पीड़ा नहीं होती। यह शरीर का अंतिम प्रयास होता है खुद को जीवित रखने का।
जूली कहती हैं कि जब ये संकेत दिखने लगते हैं, तो यह समझ आ जाता है कि मरीज का समय करीब है। परिवारों के लिए ये पल भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण होते हैं, लेकिन इन परिवर्तनों की जानकारी होने से वे मानसिक रूप से थोड़ा तैयार हो पाते हैं और अपने प्रियजन के आखिरी समय में अधिक सुकून दे पाते हैं।
