गाय की नस्ल सुधारने के वैज्ञानिक तरीकों को होगा अपनाना

punjabkesari.in Monday, Nov 07, 2022 - 05:02 PM (IST)



चंडीगढ़ , 7 नवंबर (अर्चना सेठी) हरियाणा  के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा  बायोगैस प्लांट लगाने के लिए सरकारी सहायता प्रदान की जा रही है।  गौशालाओं में हमें गौसेवा के साथ-साथ गाय की नस्ल सुधारने के वैज्ञानिक तरीकों को अपनाना होगा।


उपमुख्यमंत्री आज फतेहाबाद में स्वामी सदानंद प्रणामी गौ सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के वार्षिक उत्सव में मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। वार्षिक उत्सव में शामिल होने के साथ ही उप मुख्यमंत्री श्री चौटाला ने यहां "अपना घर" में रह रहे बेसहारा व असहाय लोगों का हाल चाल जाना और उनको यहां पर दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। उपमुख्यमंत्री ने इस दौरान आश्रम में आयोजित रक्तदान शिविर में स्वयं भी रक्तदान किया। उन्होंने आश्रम की गौशाला में गायों को चारा भी खिलाया और गौरक्षा का संदेश दिया। उन्होंने अपने कोष से इस आश्रम में सोलर प्लांट लगवाने की घोषणा की।
 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री चौटाला ने कहा कि श्री कृष्ण प्रणामी आश्रम गौशाला के साथ-साथ अपना घर के माध्यम से बेसहारा लोगों को आश्रय देकर बहुत बड़ी सेवा का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान बनाना आसान होता है, लेकिन उसको सुचारू ढंग से चलाना बहुत की मुश्किल होता है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें गाय की रक्षा के लिए गौशाला बनाने के साथ-साथ दूध के उत्पादन बढ़ाने और गाय की नस्ल सुधारने पर भी और अधिक ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज से करीब 40 साल पहले भारत से ही ब्राजिल के अंदर गीर नस्ल की गाय को ले जाया गया था, वहां पर उसकी नस्ल सुधार का कार्य किया गया जो कि अब यह गाय 70 से 72 लीटर प्रतिदिन दूध देती है और वहां लोगों की आय का मुख्य साधन भी बनी है।
 

उन्होंने कहा कि गौशालाओं में गाय की सुरक्षा करने के साथ-साथ गाय के गौबर व मूत्र से साबुन, हवन सामग्री आदि उत्पाद बनाने की जरूरत है, ताकि गौशालाएं संचालन हेतू किसी पर निर्भर न रहे, इसका जीवंत उदाहरण लाडवा की गौशाला है। उन्होंने कहा कि पिंजौर स्थित एक गौशाला में गाय के गौबर से पेंट भी बनाया जा रहा है। उनका प्रयास होगा कि सरकारी संस्थानों में उस पेंट का प्रयोग किया जाए ताकि अन्य गौशालाएं भी इस तरह के उत्पादन में रूचि ले सके। इसी प्रकार से गौशालाओं में बायोगैस प्लांट लगाकर रसोई गैस बनाई जा सकती है जो कि आमदनी की प्रमुख साधन हो सकती है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Archna Sethi

Recommended News

Related News