स्वदेशी तकनीक से निर्मित 100वां स्टील्थ फ्रिगेट उदयगिरि भारतीय नौसेना में हुआ शामिल
punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 07:54 PM (IST)

National Desk : भारतीय नौसेना के लिए मंगलवार, 1 जुलाई 2025 का दिन एक ऐतिहासिक उपलब्धि लेकर आया, जब स्वदेशी तकनीक से निर्मित स्टेल्थ फ्रिगेट INS उदयगिरि को नौसेना को सौंप दिया गया। यह युद्धपोत न केवल आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिज़ाइन किया गया 100वां जहाज भी है, जिसे मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL), मुंबई में बनाया गया है।
INS उदयगिरि: आधुनिक तकनीक से लैस
INS उदयगिरि, प्रोजेक्ट 17A के तहत बनने वाला दूसरा स्टेल्थ फ्रिगेट है। यह उसी श्रृंखला का हिस्सा है, जो पहले से भारतीय नौसेना में सेवा दे रही शिवालिक क्लास (प्रोजेक्ट 17) का उन्नत संस्करण मानी जाती है। यह बहुउद्देशीय युद्धपोत सतह, वायु और पनडुब्बी से आने वाले खतरों से मुकाबला करने में सक्षम है और इसे विशेष रूप से ‘ब्लू वॉटर’ अभियानों के लिए तैयार किया गया है।
अपने नाम को फिर से जीवित करता जहाज
नया INS उदयगिरि, उस पुराने INS उदयगिरि का आधुनिक अवतार है, जिसे 31 वर्षों की सेवा के बाद वर्ष 2007 में सेवामुक्त कर दिया गया था। नया संस्करण कहीं अधिक शक्तिशाली, स्टील्थ क्षमताओं से लैस और अत्याधुनिक हथियारों से युक्त है।
स्टेल्थ और पावर का मेल
INS उदयगिरि में CODOG (Combined Diesel or Gas) तकनीक पर आधारित इंजन सिस्टम है, जिसमें डीजल इंजन और गैस टरबाइन दोनों मौजूद हैं। यह जहाज कंट्रोल्ड पिच प्रोपेलर (CPP) और अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS) से सुसज्जित है। इस युद्धपोत में ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, 76 मिमी गन, 30 मिमी और 12.7 मिमी रैपिड फायर हथियार, और आधुनिक क्लोज-इन वेपन सिस्टम लगे हुए हैं। इसके अलावा, जहाज में उन्नत सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम भी लगाए गए हैं।
तेज़ निर्माण और आत्मनिर्भरता का प्रतीक
सिर्फ 37 महीनों में लॉन्चिंग से लेकर डिलीवरी तक का कार्य पूरा कर लेना भारतीय जहाज निर्माण क्षमता का अद्वितीय उदाहरण है। INS उदयगिरि को डिज़ाइन से लेकर निर्माण तक भारत में तैयार किया गया है, जिसमें 200 से अधिक MSMEs की भागीदारी रही। इससे न सिर्फ तकनीकी आत्मनिर्भरता बढ़ी, बल्कि 4,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और 10,000 से अधिक को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिला।
भविष्य की दिशा
INS उदयगिरि, प्रोजेक्ट 17A के तहत बनने वाले कुल 7 फ्रिगेट्स में से दूसरा है। बाकी के पांच जहाज MDL मुंबई और GRSE कोलकाता में निर्माण के अलग-अलग चरणों में हैं और 2026 के अंत तक नौसेना को सौंप दिए जाएंगे। नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो, जिसे पहले नौसेना डिज़ाइन निदेशालय के नाम से जाना जाता था, ने पिछले कुछ दशकों में देश की डिजाइन और निर्माण क्षमताओं को इस मुकाम तक पहुंचाया है कि भारत अब न केवल अपने लिए बल्कि संभावित रूप से अन्य देशों के लिए भी युद्धपोत बना सकता है।