सावधान! 1 जुलाई से इन वाहनों को मिलेगा पेट्रोल-डीजल, कैमरे से रखी जाएगी निगरानी
punjabkesari.in Friday, Jun 27, 2025 - 10:47 PM (IST)

नेशनल डेस्कः दिल्ली सरकार ने राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर एक महत्वपूर्ण और सख्त कदम उठाया है। अब 1 जुलाई 2025 से 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल और CNG वाहन, और 10 साल से अधिक पुराने डीज़ल वाहन एंड-ऑफ-लाइफ (End of Life - EOL) वाहन माने जाएंगे। ऐसे सभी वाहनों को न सिर्फ सड़कों से हटाया जाएगा, बल्कि उन्हें अब किसी भी फ्यूल स्टेशन (पेट्रोल पंप) से ईंधन नहीं दिया जाएगा।
इस आदेश को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सरकार ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOPs) जारी किए हैं, जो दिल्ली के सभी फ्यूल पंप ऑपरेटरों और प्रवर्तन अधिकारियों (Enforcement Officers) के लिए अनिवार्य होंगे।
क्या है नया नियम?
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15 साल पुराने पेट्रोल व CNG वाहन और 10 साल पुराने डीज़ल वाहन अब वैध नहीं माने जाएंगे।
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ऐसे वाहनों को "एंड-ऑफ-लाइफ" कैटेगरी में डाल दिया गया है।
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दिल्ली सरकार का निर्देश है कि ऐसे वाहनों को फ्यूल देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा।
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कोई भी वाहन ANPR (Automated Number Plate Recognition) कैमरा सिस्टम के ज़रिए पहचाना जाएगा।
कैसे काम करेगा ANPR सिस्टम?
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दिल्ली के सभी फ्यूल स्टेशनों पर ANPR कैमरे लगाए गए हैं, जो वाहन के नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे।
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जैसे ही कोई पुराना (EOL) वाहन पंप पर आएगा, कैमरा उसे पहचान लेगा और संबंधित स्टाफ को चेतावनी देगा।
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इसके बाद पंप अटेंडेंट वाहन मालिक को फ्यूल देने से साफ मना कर देगा।
फ्यूल पंप ऑपरेटरों के लिए कड़े दिशा-निर्देश:
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सूचना बोर्ड: सभी पेट्रोल पंपों पर स्पष्ट रूप से चेतावनी वाले बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा, जिसमें लिखा हो कि "पुराने वाहनों को फ्यूल नहीं दिया जाएगा"।
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स्टाफ ट्रेनिंग: सभी स्टाफ को EOL वाहनों की पहचान, नियमों की जानकारी और ग्राहकों को समझाने के लिए प्रशिक्षण देना अनिवार्य होगा।
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लॉगबुक में रिकॉर्ड: जिन वाहनों को फ्यूल देने से मना किया गया, उनका विस्तृत रिकॉर्ड बनाए रखना अनिवार्य है।
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रियल-टाइम रिपोर्टिंग: ज़रूरत पड़ने पर प्रशासन को यह रिपोर्ट उपलब्ध करानी होगी।
नियम तोड़ा तो कार्रवाई तय:
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दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग (Transport Department) और अन्य एजेंसियां मिलकर इन एसओपी की सख्त निगरानी करेंगी।
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नियम तोड़ने पर सरकार कानूनी कार्रवाई करेगी, जिसमें शामिल हैं:
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ऐसे वाहनों को जप्त करना
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फ्यूल स्टेशन के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत दंड
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लगातार उल्लंघन पर पंप की लाइसेंसिंग पर भी असर पड़ सकता है
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इस फैसले का उद्देश्य:
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दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना
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पुराने और ज़्यादा धुआं छोड़ने वाले वाहनों को धीरे-धीरे सड़कों से हटाना
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लोगों को इलेक्ट्रिक या BS-VI मानक वाले वाहनों की ओर प्रेरित करना
क्या करें पुराने वाहन मालिक?
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वाहन स्क्रैपिंग कराएं: सरकार के पंजीकृत स्क्रैपिंग सेंटर में अपना वाहन जमा करें।
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ग्रीन सर्टिफिकेट लें: वैकल्पिक रूप से, पुराने वाहन को किसी अन्य राज्य में स्थानांतरित कर वहां उपयोग के लिए ग्रीन सर्टिफिकेट लिया जा सकता है (जहां अनुमति हो)।
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EV में अपग्रेड करें: इलेक्ट्रिक वाहनों पर दिल्ली सरकार की ओर से सब्सिडी और रोड टैक्स में छूट भी दी जा रही है।