दिल्ली में गंदे पानी पर बोली सुप्रीम कोर्ट, RO कंपनियां 10 दिन में सरकार के सामने रखें अपनी बात

punjabkesari.in Friday, Nov 22, 2019 - 12:46 PM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली में पानी के सैंपल का विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कुल घुलनशील ठोस पदार्थ (टीडीएस) 500 मिलिग्राम प्रति लीटर से कम होने पर आरओ के इस्तेमाल पर एनजीटी द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने पर आरओ कंपनियों के संगठन से सरकार के पास जाने को कहा है। कोर्ट ने आरओ कंपनियों के संगठन को संबंधित सामग्री के साथ मंत्रालय से संपर्क करने के लिए 10 दिन का समय दिया है। जस्टिस आर.एफ. नरिमन और जस्टिस एस. रवींद्र भट की पीठ ने कहा कि संघ इस संबंध में प्रासंगिक सामग्रियों के साथ 10 दिन में संबंधित मंत्रालय के पास जा सकता है और सरकार एनजीटी के आदेशानुसार अधिसूचना जारी करने से पहले इन पर विचार करेगी। 

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वहीं आरओ कंपनियों के संगठन ने देशभर में जल के मानक को लेकर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की हालिया रिपोर्ट के बारे में सुप्रीम कोर्ट को बताया। बता दें कि आरओ बनाने वाली कंपनियों के संगठन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के प्रतिबंध के खिलाफ अर्जी दी थी जिस पर आज सुनवाई हुई। कंपनियों का कहना है कि राष्ट्रीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की रिपोर्ट में दिल्ली का पानी पीने लायक नहीं है, ऐसे में आरओ पर प्रतिबंध को हटाया जाना चाहिए।

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एनजीटी ने 20 मई को दिल्ली के उन स्थानों पर आरओ प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है जहां पानी में कुल विलय ठोस पदार्थ (टीडीएस) 500 एमजी प्रति लीटर से कम है, साथ ही जनता को बिना खनिज पदार्थ वाले पानी के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए भी कहा। एनजीटी ने सरकार से यह भी कहा कि देशभर में जहां भी आरओ की अनुमति दी गई है वहां 60 प्रतिशत से ज्यादा पानी पुन: इस्तेमाल किया जाना अनिवार्य हो।

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Seema Sharma

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