पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध को लेकर दिल्ली सरकार ने पलटा फैसला, क्या अब वापस मिलेंगी जब्त गाड़ियां?
punjabkesari.in Friday, Jul 04, 2025 - 02:09 PM (IST)

नेशलन डेस्क: दिल्ली में पुराने वाहनों पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर बीते कुछ दिनों में हालात काफी बदल गए हैं। 1 जुलाई से लागू हुए इस फैसले ने राजधानी के वाहन चालकों में हड़कंप मचा दिया था, लेकिन अब सरकार ने अपना रुख बदलते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है। फिलहाल पुराने वाहनों की जब्ती पर रोक लगा दी गई है लेकिन प्रतिबंध पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के मकसद से 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लागू किया गया था। इस प्रतिबंध के तहत इन वाहनों को पेट्रोल पंपों से ईंधन नहीं देने का निर्देश जारी हुआ था। यह आदेश 1 जुलाई 2025 से लागू हुआ था। लेकिन जैसे ही यह आदेश लागू हुआ, लोगों में अफरा-तफरी मच गई। पेट्रोल पंपों पर पुराने वाहन मालिकों से बहस की खबरें आने लगीं और कई गाड़ियों को जब्त भी किया गया।
सरकार का रुख क्यों बदला?
दिल्ली सरकार को इस आदेश को लागू करने में कई तकनीकी और व्यावहारिक समस्याएं नजर आईं। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने CAQM को एक पत्र लिखकर इस आदेश को तत्काल प्रभाव से रोकने की अपील की है। सिरसा ने कहा कि जिन ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरों की मदद से इन वाहनों की पहचान की जा रही है, वे अभी पूरी तरह कारगर नहीं हैं। कैमरे तकनीकी रूप से मजबूत नहीं हैं, सेंसर सही से काम नहीं कर रहे हैं और स्पीकर सिस्टम भी खराब हैं। इसके अलावा इन कैमरों को NCR के डेटा से जोड़ने की प्रक्रिया भी अधूरी है, जिससे वास्तविक स्थिति का सही आकलन नहीं हो पा रहा है।
क्या अब प्रतिबंध हट गया है?
नहीं, फिलहाल नहीं। हालांकि दिल्ली सरकार ने प्रतिबंध को रोकने की बात जरूर कही है, लेकिन CAQM ने अभी तक कोई नया आदेश जारी नहीं किया है। इसका मतलब है कि जब तक आयोग कोई औपचारिक फैसला नहीं करता, तब तक पुराना आदेश लागू रहेगा। सूत्रों के अनुसार, CAQM को मंत्री का पत्र मिल चुका है और वह इस पर अध्ययन कर रहा है। आयोग यह तय करेगा कि पुरानी गाड़ियों पर ईंधन देने से प्रतिबंध हटे या नहीं।
क्या जब्त गाड़ियां लौटाई जाएंगी?
इस सवाल पर अब भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। 4 जुलाई की सुबह मंत्री कपिल मिश्रा से जब ये सवाल किया गया कि जिन गाड़ियों को जब्त कर लिया गया है उनका क्या होगा, तो उन्होंने जवाब दिया कि इस पर विचार किया जा रहा है। यानी जिनकी गाड़ियां सीज हो चुकी हैं उन्हें वापस मिलेगी या नहीं, इस पर अभी तक कोई स्पष्ट नीति सामने नहीं आई है। उदाहरण: सराय काले खां में जब्त की गई मर्सिडीज कार अभी भी वहीं खड़ी है।
इस मुद्दे पर सियासत भी खूब गर्म हो गई है। आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि यह निर्णय बीजेपी सरकार की "जनविरोधी" सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जनता और आप पार्टी के विरोध के चलते सरकार को पीछे हटना पड़ा है और यह जनता की जीत की शुरुआत है। वहीं कपिल मिश्रा ने कहा कि आप पार्टी को अदालत में इस फैसले का विरोध करना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने भी माना कि यह फैसला तर्कसंगत नहीं है और कहा कि एक राज्य में जो गाड़ियां चल सकती हैं वो दूसरे राज्य में क्यों नहीं चल सकतीं?