Cancer Alert: स्टडी में कैंसर को लेकर हुए चौकाने वाले खुलासे, पुरुषों में सबसे ज्यादा इन 3 कैंसर का खतरा

punjabkesari.in Saturday, Sep 06, 2025 - 12:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत में कैंसर के बढ़ते मामले अब एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बनते जा रहे हैं। खासकर पुरुषों में कुछ विशेष प्रकार के कैंसर तेजी से अपने पैर पसार रहे हैं। हाल ही में की गई एक क्रॉस-सेक्शनल स्टडी से सामने आया है कि पुरुषों में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रतिशत महिलाओं की तुलना में ज्यादा है। इस स्टडी ने कुछ अहम खुलासे किए हैं जिनके बारे में हर व्यक्ति को जानना जरूरी है। इस अध्ययन के अनुसार भले ही कैंसर के कुल मामलों में महिलाओं की हिस्सेदारी 51.1% रही हो, लेकिन मौत के आंकड़ों में पुरुषों की भागीदारी 55% रही। यानी पुरुषों में कैंसर न केवल ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है बल्कि इसके कारण जान जाने की संभावना भी ज्यादा है।

पुरुषों में सबसे आम हैं ये 3 कैंसर

1. मुख कैंसर (Oral Cancer)

मुख कैंसर पुरुषों में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है। तंबाकू, गुटखा, पान मसाला और धूम्रपान की आदतें इसके पीछे प्रमुख कारण हैं। ये आदतें मुंह की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती हैं जिससे कैंसर पैदा हो सकता है।

2. फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer)

फेफड़ों का कैंसर पुरुषों में दूसरा सबसे आम कैंसर है। यह भी अधिकतर धूम्रपान और वायु प्रदूषण से जुड़ा हुआ होता है। शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण के कारण इसका खतरा और बढ़ जाता है।

3. प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer)

तीसरे नंबर पर प्रोस्टेट कैंसर आता है जो उम्र बढ़ने के साथ होने वाला एक सामान्य लेकिन गंभीर कैंसर है। यह आमतौर पर 50 साल की उम्र के बाद अधिक देखने को मिलता है।

स्टडी में यह भी सामने आया कि भारत की राजधानी दिल्ली में पुरुषों में कैंसर की दर सबसे ज्यादा पाई गई। इसके पीछे बढ़ता प्रदूषण, जीवनशैली में असंतुलन और नशे की आदतें जिम्मेदार मानी जा रही हैं।

ये कारण बन सकते हैं कैंसर की बड़ी वजह

एक हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, पुरुषों में कैंसर के खतरे को कई कारण बढ़ा सकते हैं। सबसे पहला कारण तंबाकू और धूम्रपान की आदतें हैं, जो मुख और फेफड़े के कैंसर का सबसे बड़ा कारण मानी जाती हैं। इसके अलावा, अधिक मात्रा में शराब का सेवन भी कई प्रकार के कैंसर को जन्म दे सकता है। अनहेल्दी डाइट और जीवनशैली, जैसे फास्ट फूड, जंक फूड का अधिक सेवन और शारीरिक गतिविधियों की कमी, कैंसर के खतरे को और बढ़ा देते हैं। साथ ही, वायुमंडलीय प्रदूषण, खासकर शहरी क्षेत्रों में हवा में मौजूद हानिकारक तत्व, फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण बनते हैं। इसके अलावा, जीन्स और आनुवंशिक कारण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं; अगर परिवार में किसी सदस्य को कैंसर हुआ हो, तो अगली पीढ़ी में इसके होने का जोखिम ज्यादा होता है।

समय पर जांच और इलाज है सबसे बड़ा हथियार

अगर कैंसर का पता समय पर लग जाए और इलाज सही तरीके से शुरू हो जाए तो इसकी गंभीरता काफी हद तक कम हो सकती है। शुरुआती स्टेज पर कैंसर का इलाज संभव है और मरीज पूरी तरह से ठीक भी हो सकता है। इसलिए पुरुषों के लिए जरूरी है कि वे नियमित जांच कराते रहें। खासकर उन लोगों को जो तंबाकू सेवन करते हैं, उन्हें मुंह की रेगुलर जांच करानी चाहिए। इसके अलावा अगर किसी को लंबे समय से खांसी बनी हुई है तो छाती का एक्स-रे या सीटी स्कैन कराना बहुत जरूरी है। प्रोस्टेट कैंसर की पहचान के लिए पीएसए टेस्ट करवाना भी लाभदायक होता है। साथ ही, हर पुरुष को साल में कम से कम एक बार पूरी हेल्थ चेकअप कराना चाहिए ताकि किसी भी समस्या का पता समय रहते चल सके और उचित इलाज शुरू किया जा सके।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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