दिल्ली-एनसीआर में तीन दिन पहले वायु प्रदूषण के अंतिम चरण के तहत लागू पाबंदियां हटाई गई

punjabkesari.in Sunday, Nov 06, 2022 - 09:44 PM (IST)

नेशनल डेस्क : केंद्र के वायु गुणवत्ता आयोग ने ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान' (जीआरएपी) के अंतिम चरण के तहत दिल्ली-एनसीआर में गैर-बीएस छह डीजल से चलने वाले हल्के मोटर वाहनों और ट्रकों के राजधानी में प्रवेश करने पर लगाये गए प्रतिबंध को हटाने का निर्देश रविवार को प्राधिकारियों को दिया। प्रतिबंध तीन दिन पहले लगाये गए थे। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के एक आदेश में कहा गया है, ‘‘चूंकि दिल्ली का वर्तमान एक्यूआई स्तर 339 के आसपास है, जो जीआरएपी चरण-चार उपाय लागू करने के लिए अधिकतम सीमा से 111 एक्यूआई बिंदु से नीचे है और चरण- चार तक सभी चरणों के तहत सभी निवारक/शमन/प्रतिबंधात्मक उपाय अपनाये जा रहे हैं, इसलिए एक्यूआई में सुधार बने रहने की उम्मीद है।''

उसने कहा, ‘‘भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) या आईआईटीएम के पूर्वानुमान में स्थिति में तेजी से गिरावट का संकेत नहीं है।'' आयोग ने कहा, ‘‘इसलिए उप-समिति जीआरएपी के चरण- चार के तहत उपायों के लिए तीन नवंबर, 2022 को जारी आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लेती है।'' हालांकि, जीआरएपी के चरण एक से तीन के तहत उपाय लागू रहेंगे और पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा लागू किये जाएंगे, उनकी निगरानी की जाएगी और समीक्षा की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एक्यूआई का स्तर आगे 'गंभीर' श्रेणी में नहीं आए।

दिल्ली के वायु प्रदूषण का स्तर रविवार को "बहुत खराब" श्रेणी के निचले छोर तक मामूली रूप से सुधरा। यह मुख्य रूप से अनुकूल हवा की गति और पराली जलाने के योगदान में गिरावट के कारण हुआ। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार चौबीस घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 339 था, जो एक दिन पहले 381 था। यह शुक्रवार को 447 था। यह बृहस्पतिवार को 450 पर पहुंच गया था, जो 'गंभीर प्लस' श्रेणी से एक पायदान कम था।

भारतीय कृषि अनुसंधान संगठन (आईएआरआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या एक दिन पहले 2817 से तेजी से घटकर 599 हो गई। पृथ्वी एवं विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली एक पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर' के अनुसार, दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी भी शनिवार को 21 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत रह गई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के उनके समकक्ष भगवंत मान ने शुक्रवार को सीमावर्ती राज्य में धान की पराली जलाने की जिम्मेदारी ली थी और अगली सर्दियों तक इस प्रथा पर अंकुश लगाने का वादा किया था।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के मुताबिक, दिवाली के बाद पिछले 50 दिनों में पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं साल दर साल आधार पर 12.59 फीसदी बढ़कर 26,583 हो गई हैं। आंकड़ों में कहा गया है कि इसकी तुलना में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली में पराली जलाने की घटनाएं इस साल 15 सितंबर से चार नवंबर के बीच कम रही। खतरनाक प्रदूषण के स्तर ने दिल्ली सरकार को शुक्रवार को यह घोषणा करने के लिए प्रेरित किया कि प्राथमिक स्कूल शनिवार से बंद रहेंगे और उसके 50 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम करेंगे, जबकि निजी कार्यालयों को इसका पालन करने की सलाह दी गई है।

सार्वजनिक परिवहन में तेजी लाने के लिए, सरकार 'पर्यावरण बस सेवा' भी शुरू करेगी, जिसमें 500 निजी तौर पर चलने वाली सीएनजी बसें शामिल होंगी। वाहनों के उत्सर्जन को कम करने के लिए, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से अपील की कि वे राजधानी की सीमाओं पर यातायात जाम से बचने के लिए गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों को पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे की ओर मोड़ने के लिए उपाय करें। केजरीवाल ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो सम-विषम कार योजना लागू की जाएगी और इस पर चर्चा जारी है। 


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News Editor

Parveen Kumar

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