राज्यसभा में बोले पीएम मोदी- MSP है, MSP थी और MSP रहेगी, एक क्लिक में पढ़ें दिनभर की बड़ी खबरें
punjabkesari.in Monday, Feb 08, 2021 - 08:22 PM (IST)
नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन नए कृषि कानूनों के विरोध कर रहे किसानों से अपना आंदोलन खत्म कर कृषि सुधारों को एक मौका देने की अपील करते हुए कहा कि यह समय खेती को ‘खुशहाल' बनाने का है और देश को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में भूख पर व्यापार करने की इजाजत नहीं दी जा सकती, इसके साथ ही उन्होंने उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानून बनाने और नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग दोहराई। इसके अलावा, तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने सोमवार को सरकार से कहा कि वार्ता के अगले दौर की तारीख तय करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनसे आंदोलन समाप्त करने की अपील करने और वार्ता के लिए निमंत्रण देने के बाद किसान संगठनों ने यह बात कही।
एक क्लिक में पढ़ें दिनभर की बड़ी खबरें
किसानों से PM मोदी की अपील-अब खत्म कीजिए आंदोलन, MSP थी MSP है और MSP रहेगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन नए कृषि कानूनों के विरोध कर रहे किसानों से अपना आंदोलन खत्म कर कृषि सुधारों को एक मौका देने की अपील करते हुए कहा कि यह समय खेती को ‘खुशहाल' बनाने का है और देश को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कृषि सुधारों पर ‘यू-टर्न' लेने के लिए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और कहा कि पिछले कुछ समय से इस देश में ‘आंदोलनजीवियों' की एक नई जमात पैदा हुई है जो आंदोलन के बिना जी नहीं सकती।
किसान नेता राकेत टिकैत का बड़ा बयान- देश में नहीं करने देंगे भूख पर व्यापार, MSP पर कानून जरूरी
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश में भूख पर व्यापार करने की इजाजत नहीं दी जा सकती, इसके साथ ही उन्होंने उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानून बनाने और नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग दोहराई। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने यह टिप्पणी राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के तुरंत बाद की। प्रधानमंत्री ने कहा था कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) है, एसएसपी था और एमएसपी रहेगा।
पीएम मोदी की अपील के बाद बोले किसान नेता- हम बातचीत को तैयार, सरकार तय करे तारीख
तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने सोमवार को सरकार से कहा कि वार्ता के अगले दौर की तारीख तय करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनसे आंदोलन समाप्त करने की अपील करने और वार्ता के लिए निमंत्रण देने के बाद किसान संगठनों ने यह बात कही। बहरहाल, किसान संगठनों ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी पर आपत्ति की है कि देश में आंदोलनकारियों की नई ‘‘नस्ल'' उभरी है जिसे ‘‘आंदोलन जीवी'' कहा जाता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका है।
राजनाथ की लोकसभा में अपील, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर होने दें चर्चा, विपक्ष हुआ तैयार
तीन नये विवादित कृषि कानूनों को लेकर लोकसभा में पिछले सप्ताह से जारी गतिरोध का सोमवार को समाधान तब निकल पाया जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी सदस्यों से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेने की अपील करते हुए सदन में कहा कि जीवंत लोकतंत्र की परंपरा को बनाए रखना किसी एक पार्टी की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि सबकी जिम्मेदारी है। शाम पांच बजे निचले सदन में आवश्यक कागजात सभापटल पर रखे जाने के बाद सदन के उपनेता राजनाथ सिंह ने बयान दिया।
कांग्रेस का PM पर हमला, कहा- लफ्फाजी और जुमलेबाजी के अलावा कुछ नहीं बोले मोदी
कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में सोमवार को जो कुछ कहा वह लफ्फाजी और जुमलेबाजी के अलावा कुछ नहीं था और इस दौरान वह सिर्फ प्रधानमंत्री नही बल्कि प्रचारक की भूमिका में नजर आए। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां एक बयान में कहा कि मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए जो कुछ कहा उसमें कुछ भी ठोस नहीं था और वह मुद्दों पर कुछ भी नहीं कह पाए।
राहुल ने फिर कसा तंज, कहा- ना जवान ना किसान, मोदी सरकार के लिए 3-4 उद्योगपति मित्र ही भगवान
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रक्षा बजट को लेकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए सोमवार को फिर कहा कि उन्हें किसानों और जवानों में से किसी की चिंता नहीं है और वह सिर्फ अपने तीन-चार पूंजीपति मित्रों की मदद के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने रक्षा क्षेत्र के लिए बजट में कटौती कर न सिर्फ सैनिकों की अनदेखी की है बल्कि जिन सैनिकों ने अपनी जवानी देश सेवा के लिए लगाई है उनकी पेंशन में भी कटौती कर दी है। गांधी ने कहा, बजट में सैनिकों के पेंशन में कटौती। ना जवान ना किसान, मोदी सरकार के लिए 3-4 उद्योगपति मित्र ही भगवान।
किसान आंदोलन पर दिग्गजों के ट्वीट की जांच कराएगी महाराष्ट्र सरकार
किसान आंदोलन के समर्थन में पॉप स्टार सिंगर रिहाना के ट्वीट करने के बाद बॉलीवुड-खेल से जुड़ीं विभिन्न हस्तियों द्वारा ट्वीट्स किए जाने के मामले में उद्धव सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए इन सेलिब्रिटीज द्वारा ट्वीट्स किए जाने को लेकर जांच के आदेश दिए हैं। पिछले दिनों विदेश मंत्रालय द्वारा प्रतिक्रिया दिए जाने के बाद बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार, अजय देवगन, लता मंगेशकर, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर समेत कई हस्तियों ने ट्वीट्स किए थे। इन ट्वीट्स में उन्होंने इंडिया टुगेदर और इंडिया अगेंस्ट प्रोपेगैंडा के हैशटैग भी लगाए थे।
farmers protest: मोदी सरकार ने Twitter से कहा, खालिस्तान-PAK लिंक वाले 1178 अकाउंट करो ब्लॉक
मोदी सरकार ने ट्विटर (Twitter) को 1178 ट्विटर अकाउंट की लिस्ट सौंपते हुए इनको हटाने को कहा है। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने 4 फरवरी को जिन 1178 ट्विटर अकाउंट्स की लिस्ट ट्विटर को दी है इनको सुरक्षा एजेंसियों ने चिन्हित (Marked) किया है। सुरक्षा एजेंसियों ने इन अकाउंट्स को खालिस्तान समर्थकों, पाकिस्तान से समर्थित और विदेश से ऑपरेट होने वाले हैंडल्स के तौर पर चिन्हित किया है। केंद्र सरकार ने ट्विटर से कहा कि इन अकाउंट्स को ब्लॉक किया जाए।
सदन में राजनाथ बोले- भारतीय सेना ने पाक की ओर से होने वाली हरकतों को सीमा तक ही सीमित कर दिया
सरकार ने सोमवार को कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली हरकतों को सीमा तक ही सीमित कर दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा भारतीय सेना की जितनी सराहना की जाए, कम है क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली हरकतों को सीमा तक सीमित कर दिया है। रक्षा मंत्री ने बताया 2020 में संघर्ष-विराम उल्लंघन की 4629 घटनाएं हुईं। पाकिस्तान की ओर से इस तरह की गतिविधियों को अंजाम देने का उद्देश्य भारत में शांति को बाधित करना है।
4 साल बाद तमिलनाडु लौंटी जयललिता की करीबी शशिकला, अन्नाद्रमुक ने कहा- उनका पार्टी से कोई संबंध नहीं
अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता वी के शशिकला आय से अधिक संपत्ति मामले में चार साल की जेल की सजा बेंगलुरु में काटने के कुछ दिन बाद सोमवार को तमिलनाडु लौटीं जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। शशिकला की वापसी ऐसे समय हुई है जब राज्य में सत्ताधारी अन्नाद्रमुक के साथ उनके टकराव के संकेत है जिसे वह किसी समय नियंत्रित करती थीं।