हमारे आदेश पर क्या राम राज्य आ जाएगा: सुप्रीम कोर्ट

punjabkesari.in Friday, Aug 26, 2016 - 09:49 PM (IST)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि वह सभी बुराइयों को ठीक नहीं कर सकता, क्योंकि उसकी भी एक सीमा है। उसने सवाल किया कि क्या उसके आदेश पर देश में राम राज्य आ सकता है? मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने देश की सड़कों से अतिक्रमण हटाने को लेकर गैर-सरकारी संगठन‘वॉयस ऑफ इंडिया‘की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि अदालत सभी मर्ज की दवा नहीं है।   

न्यायमूर्ति ठाकुर ने सवाल किया कि क्या उनके आदेश से देश में राम राज्य आ सकता है? क्या वह यह आदेश करें कि देश में भ्रष्टाचार खत्म हो तो क्या ऐसा संभव हो जाएगा? क्या वह कहें कि देश में कोई अपराध न हो, कोई कत्ल न हो तो क्या ऐसा हो सकता है? अगर न्यायालय आदेश करे कि देशभर में फुटपाथ से कब्जे हटाए जाएं तो क्या आदेश का पालन हो जाएगा? हालांकि मुख्य न्यायाधीश इस याचिका को खारिज करना चाहते थे, लेकिन याचिकाकर्ता की दलीलों के बाद अब सुनवाई अगले वर्ष फरवरी में होगी। दरअसल, वॉयस ऑफ इंडिया ने 2014 में जनहित याचिका दाखिल करके कहा था कि देश भर में फुटपाथों पर अवैध कब्जे हैं, जिसकी वजह से हालात खराब हो गए हैं।  

न्यायालय ने कहा कि इस मामले में वह कुछ नहीं कर सकता और याचिका खारिज की जाती है, लेकिन याचिकाकर्ता ने दलील दी कि देशभर के लोग इसकी वजह से परेशान हैं और पुलिस और सरकार शांत है। ऐसे में लोगों को अदालत से बहुत उम्मीदें हैं। अगर मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है तो लोगों की बात अदालत नहीं सुनेगी, तो कौन सुनेगा?  

याचिकाकर्ता ने कहा कि जो लोग इस उम्मीद में हैं कि इस समस्या से शीर्ष अदालत निजात दिलाएगी, उनको क्या जवाब दूंगा? इन दलीलों के बाद न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा कि सुनवाई अगले वर्ष फरवरी में होगी। हालांकि जनवरी में ही न्यायमूर्ति ठाकुर सेवानिवृत्त होंगे और न्यायमूर्ति जेएस केहर नये मुख्य न्यायाधीश बनेेंगे। 


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