हमारे सामने पाकिस्तान भी.... J&K को राज्य का दर्जा देने को लेकर क्या कह गए फारूक अब्दुल्ला
punjabkesari.in Tuesday, Jun 24, 2025 - 06:28 PM (IST)

National Desk : जम्मू-कश्मीर को पुनः राज्य का दर्जा दिलाने की मांग लगातार जोर पकड़ती जा रही है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला भी बार-बार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने फिर से इस विषय पर अपनी राय जाहिर की और सवाल उठाया कि आखिर हमने राज्य का दर्जा इसलिए खोया था क्योंकि हम मुसलमान थे? क्या हम भारत के दुश्मन थे?
अनंतनाग में जब उनसे मीडिया ने पूछा कि क्या स्टेटहुड इसलिए लिया गया था क्योंकि जम्मू-कश्मीर एक मुस्लिम बहुल राज्य था, तो फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "राज्य का दर्जा छिनने की वजह क्या थी? क्या हम हिंदुस्तान के खिलाफ थे? हमने तो देश के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चुना था, जबकि हमारे सामने पाकिस्तान था।"
सुप्रीम कोर्ट ही आखिरी विकल्प : फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर राज्य का दर्जा बहाल करने में और देरी होती है तो उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेगी। 21 जून को उन्होंने कहा था, "हम जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अगर केंद्र सरकार में देरी होती है तो हमारे पास सुप्रीम कोर्ट जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। हमें उम्मीद है कि राज्य का दर्जा मिलने के बाद हमें सारे अधिकार प्राप्त होंगे।"
#WATCH | Anantnag, J&K | On his statement that "statehood is not being given to J&K because we are Muslims," JKNC President Farooq Abdullah says, "What other reason can be there? Are we enemies of India? We joined India when Pakistan was in front of us." pic.twitter.com/mlmCm1r4V9
— ANI (@ANI) June 24, 2025
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इजराइल-ईरान सीजफायर पर क्या बोले फारूक अब्दुल्ला?
इजराइल और ईरान के बीच सीजफायर पर भी फारूक अब्दुल्ला ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे सकारात्मक कदम बताया और अल्लाह का शुक्रिया अदा किया। 23 जून को उन्होंने कहा था कि अरब देशों के तेल और गैस पर इजराइल और अमेरिका की निगाहें टिकी हैं और अगला निशाना वही क्षेत्र होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान पर हमला हुआ है लेकिन एक दिन इजराइल पर भी हमला हो सकता है क्योंकि वे तेल और गैस जैसी संपत्तियों पर कब्जा करना चाहते हैं। फारूक ने कहा, "इजराइल सिर्फ एक मुखौटा है, उसके पीछे अमेरिका खड़ा है।" उन्होंने पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष के आर्थिक प्रभावों के बारे में कहा कि यह क्षेत्र के सभी देशों की आर्थिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा।