राम मंदिर ने बढ़ाई यूपी की शोभा, बना देश का नया आस्था का केंद्र, क्या यही है नए युग की शुरुआत ?
punjabkesari.in Thursday, Feb 15, 2024 - 04:57 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अयोध्या में 22 जनवरी को हुए राम मंदिर के उद्घाटन के दौरान, इसके गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। कई सालों के इंतज़ार के बाद राम मंदिर का निर्माण एक सपने के पूरे होने जैसा है। अयोध्या के साथ अब उत्तर प्रदेश को भी आस्था के रुप में देखा जाता है। राम मंदिर का निर्माण देश की एकता, विकास और भक्ति की मिसाल है, इसके कारण उत्तर प्रदेश अब आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र भी बनता जा रहा है।
शांति, धैर्य, सद्भाव का प्रतीक राम मंदिर
पिछले साल में किए गए एक सर्वे के दौरान यूपी को देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों के रुप में देखा जाने लगा है। इस दौरान वाराणसी, प्रयागराज, नैमिषारण्य, मथुरा और वृंदावन जैसे धार्मिक स्थलों के दर्शन कर वहां की धार्मिक- ऐतिहासिक विरासत को संजोने की कोशिश भी की गई है।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन देश के लिए एकता का संदेश और आस्था की शक्ति को अपने साथ लाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में इस क्षण का सार बताते हुए कहा था, "रामलला के लिए इस मंदिर का निर्माण भारतीय समाज की शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का प्रतीक है। राम मंदिर का निर्माण समाज के हर वर्ग के लिए उज्ज्वल भविष्य के पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा का भी प्रतीक है।"
राज्य की अर्थव्यवस्था का आधार बना राम मंदिर
एक तरफ जहां राम मंदिर आध्यात्मिक केंद्र के रूप में उभर रहा है, तो वहीं दुसरी तरफ ये राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का काम भी कर रहा है। युपी के मुख्यमंत्री आर्थिक हमेशा से ही विकास के लिए धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर उतसाहित रहे हैं, उन्होंने कई मंचों पर अपने सुझाव साझा करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की आवाजाही से लाभान्वित होने के लिए तैयार है।
आध्यात्मिक केंद्र के रूप में मजबूती
उत्तर प्रदेश अब देश के आध्यात्मिक केंद्र के रूप में अपनी दावेदारी को मजबूत कर रहा है। प्रदेश के हर शहर की अपनी एक अलग आस्था है। वाराणसी का शाश्वत आकर्षण, प्रयागराज का दिव्य संगम, नैमिषारण्य का प्राचीन ज्ञान, गोरखपुर का रहस्यमयी आकर्षण और मथुरा-वृंदावन में कृष्ण भक्ति, सामूहिक रूप से उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक तस्वीर को समृद्ध बनाती हैं। धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में राज्य के लिए मुख्यमंत्री का विजन महत्वाकांक्षी है, जिसका लक्ष्य इसकी विरासत को दुनिया के सामने प्रदर्शित करना है।