राजनाथ सिंह ने 1947 युद्ध के वीरों को किया याद, बोले-एक दिन PAK को भुगतना पड़ेगा खामियाजा
punjabkesari.in Friday, Oct 28, 2022 - 03:44 PM (IST)

नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को लेह में श्योक सेतु सहित 75 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस दौरान रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के लोगों पर उसके ‘अत्याचारों’ को लेकर पड़ोसी देश को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि हमने अभी उत्तर की ओर चलना शुरू किया है, हमारी यात्रा तब पूरी होगी, जब हम भारतीय संसद द्वारा 22 फरवरी 1994 को सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को (PoKके) शेष हिस्सों- गिलगित और बाल्टिस्तान में पहुंचकर लागू करेंगे।
स्वतंत्रता के बाद भारत की पहली सैन्य जीत के मौके पर श्रीनगर में आयोजित ‘शौर्य दिवस’ समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर में लोगों के खिलाफ ‘अत्याचार’ कर रहा है और उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे। मालूम हो कि 22 फरवरी, 1994 को संसद के दोनों सदनों द्वारा सर्वसम्मति से अंगीकार किए गए संसदीय संकल्प के अनुसार सरकार की अटल और सैद्धांतिक स्थिति यह है कि केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के समूचे भू-क्षेत्र भारत के अभिन्न अंग रहे हैं, हैं और रहेंगे। PoK के निवासियों को ‘निर्दोष भारतीय’ बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान वहां ‘अत्याचारों’ के लिए ‘पूरी तरह से जिम्मेदार’ है।
सिंह ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए कुछ क्षेत्र अभी भी प्रगति और अधिकारों से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इसका खामियाजा पाकिस्तान को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का राष्ट्रीय एकता का सपना तब साकार होगा, जब 1947 के शरणार्थियों को न्याय मिलेगा और उनके पूर्वजों की भूमि उन्हें वापस मिलेगी। समारोह स्थल पर ब्रिगेडियर राजिंदर सिंह, ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान, मेजर सोमनाथ शर्मा और मकबूल शेरवानी के बड़े कट-आउट लगाए गए थे। ब्रिगेडियर राजिंदर सिंह की 80 वर्षीय पुत्री उषा परमार और अन्य शहीदों के परिजनों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।