भारत-पाक युद्ध में कौन किसके साथ? किन देशों ने बनाई दूरी और किसने निभाई दोस्ती
punjabkesari.in Friday, May 09, 2025 - 06:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क. भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और ऑपरेशन सिंदूर के बाद हालात युद्ध की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। इस लड़ाई के लंबे समय तक खिंचने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि कौन-कौन से देश भारत के साथ हैं और कौन पाकिस्तान के समर्थन में खड़े हैं। भारत ने सीमा पार से हो रहे आतंकवादी हमलों का मुंहतोड़ जवाब देते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि अब बर्दाश्त की कोई सीमा नहीं रहेगी। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दुनिया के 10 से ज्यादा देशों से कूटनीतिक बातचीत की और भारत का पक्ष मजबूती से रखा।
अमेरिका का रुख – आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ
अमेरिका ने पाकिस्तान की अपील ठुकराते हुए भारत का परोक्ष समर्थन किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उप राष्ट्रपति जेंडी वेंस ने कहा कि अमेरिका दोनों देशों के बीच शांति चाहता है, लेकिन यह उसका सीधा दायित्व नहीं है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह संघर्ष परमाणु युद्ध का रूप नहीं लेगा और बातचीत से हल निकाला जाए।
इज़रायल भारत के साथ
इज़रायल ने ऑपरेशन सिंदूर पर खुलकर भारत का समर्थन किया है। इज़रायली राजदूत रियुवेन अजार ने कहा कि भारत को अपनी आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है और आतंकियों को ये जान लेना चाहिए कि वे कहीं भी छिप नहीं सकते।
तुर्किये पाकिस्तान के पक्ष में
तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगान ने पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए कहा कि वे इस संघर्ष को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने भारत पर सीधे आरोप तो नहीं लगाए, लेकिन पाकिस्तान की 'भाईचारे' के नाम पर खुले समर्थन में बयान दिया। साथ ही तनाव कम करने और बातचीत की सलाह भी दी।
अजरबैजान ने दिया पाकिस्तान को समर्थन
तुर्किये की तरह अजरबैजान ने भी पाकिस्तान का समर्थन किया है और इस मुद्दे पर भारत की कार्रवाई की आलोचना की।
ब्राज़ील – संयम की अपील और आतंक की निंदा
ब्राज़ील ने आतंकवाद की आलोचना करते हुए भारत का परोक्ष समर्थन किया। उसने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसके रवैये को गलत बताया और दोनों देशों से संयम बरतने की सलाह दी।
नेपाल ने किया भारत का समर्थन
नेपाल सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के स्टैंड का समर्थन करते हुए कहा कि किसी भी देश को अपनी ज़मीन आतंकवादियों को नहीं सौंपनी चाहिए।
नार्वे – भारत के कदम का समर्थन
नार्वे ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और भारत की जवाबी कार्रवाई को जायज ठहराया। नार्वे ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने और कूटनीति के ज़रिए हल निकालने की अपील की।
रूस और चीन पर सबकी नजरें
रूस और चीन ने अब तक संतुलित रुख अपनाया है। चीन ने पाकिस्तान का नाम लेकर कोई बयान नहीं दिया, जिससे पाकिस्तान हैरान है। रूस, जो पहले पाकिस्तान से दूरी बनाकर रखता था, अब यूक्रेन युद्ध में उलझा है और उसने भी भारत-पाक युद्ध को लेकर तटस्थ रुख दिखाया है। हालांकि, रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच इस मसले पर बातचीत हुई है, जिससे आने वाले समय में इनका रुख साफ हो सकता है।