B'day special: राजनाथ प्रोफेसर से ऐसे बने नेता, सियासी सफर पर एक नजर
punjabkesari.in Monday, Jul 10, 2017 - 04:54 PM (IST)

नई दिल्लीः भाजपा के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह आज आपना 66वां जन्मदिन मना रहे हैं। नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाने के पीछे राजनाथ की कूटनीति भी है। 10 जुलाई 1951 को वाराणसी में जन्मे राजनाथ भाजपा के दो बार अध्यक्ष भी रह चुके हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय से उन्होंने भौतिकी विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। उसके बाद 1971 में केबी डिग्री कॉलेज में वह प्रोफेसर नियुक्त हुए।
अपनी अलग छाप छोड़ी राजनाथ ने
-इमरजेंसी के दौरान कई महीनों तक जेल में बंद रहने वाले राजनाथ सिंह को 1975 में जनसंघ ने मिर्जापुर जिले का अध्यक्ष बनाया।
-यूपी में शिक्षा मंत्री के तौर पर किए गए कामों को लेकर आज भी राजनाथ सिंह का फैसला काबिल-ए-तारीफ है।
-1991 में उन्होंने बतौर शिक्षा मंत्री एंटी-कॉपिंग एक्ट लागू करवाया था। साथ ही वैदिक गणित को तब सिलेबस में भी शामिल करवाया था।
-राजनाथ अपने सभी भाषण हिंदी में देते हैं।
-20 अक्तूबर, 2000 में वे यूपी के मुख्यमंत्री बने। हालांकि उनका कार्यकाल 2 साल से भी कम समय के लिए रहा।
-केंद्र में जब वाजपेयी की अगुवाई वाली एनडीए की सरकार बनी तब राजनाथ सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया था।
-उन्होंने Unemployment, its Reasons and Remedies नामक एक पुस्तक भी लिखी है।
राजनाथ सिंह की राजनीति क्षेत्र में अपनी अलग पहचान है। यूपी में उनकी खासी धाक है। राजनाथ बोलते कम हैं लेकिन एक्शन लेने में एक पल नहीं लगाते।