केजरीवाल ने क्यों कहा- ''मुझे मिलना चाहिए नोबेल प्राइज'', इस बयान से मचा सियासी घमासान

punjabkesari.in Wednesday, Jul 09, 2025 - 04:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क : आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर सुर्खियों में आते हुए खुद को नोबेल पुरस्कार का पात्र बताया है। पंजाब के मोहाली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने दिल्ली में मुख्यमंत्री रहते हुए इतनी विपरीत परिस्थितियों में काम किया कि उन्हें "गवर्नेंस और एडमिनिस्ट्रेशन का नोबेल प्राइज" मिलना चाहिए।

दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक बंद हो रहे - केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि जब तक उनकी सरकार दिल्ली में सत्ता में रही, उन्हें ठीक से काम करने नहीं दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित नगर निगम ने पांच मोहल्ला क्लीनिकों को बुलडोजर से गिरा दिया। "इन लोगों ने हमारे क्लीनिक तोड़े, लेकिन हमने फिर भी जनता के लिए काम किया। बीजेपी ने दिल्ली की हालत खराब कर दी है। मोहल्ला क्लीनिक बंद हो रहे हैं, अस्पतालों में फ्री दवाइयां और टेस्ट बंद हैं, चारों ओर गंदगी फैली हुई है," केजरीवाल ने कहा।

"केजरीवाल मॉडल बोर्डरूम से नहीं, झुग्गियों से निकला है"
आम आदमी पार्टी प्रमुख ने अपने राजनीतिक सफर को याद करते हुए कहा कि उन्होंने एक एनजीओ से शुरुआत की और दिल्ली की झुग्गियों में रहकर काम किया। "हमारा उद्देश्य था हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली और 20,000 लीटर मुफ्त पानी उपलब्ध कराना। सरकार को नागरिकों की बुनियादी जरूरतों की गारंटी देनी चाहिए," उन्होंने कहा।
 

बीजेपी का पलटवार: "ग्लोबल करप्शन अवार्ड के असली दावेदार हैं केजरीवाल"
अरविंद केजरीवाल के नोबेल पुरस्कार वाले बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, "केजरीवाल सिर्फ एक ही पुरस्कार के लायक हैं – ‘ग्लोबल करप्शन अवार्ड’। अगर दुनिया में भ्रष्टाचार सिखाने की यूनिवर्सिटी होती, तो अरविंद केजरीवाल उसके कुलपति होते। "भंडारी ने यह भी कहा कि, "आज दिल्ली की जनता खुश है कि उन्होंने भ्रष्टाचारी अरविंद केजरीवाल को 'टाटा बाय-बाय' कह दिया है।"
 


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Content Editor

Shubham Anand

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