बाथरूम में छिपी मिलीं 40 छात्राएं, मदरसे में पुलिस ने मारी रेड, अंदर का नज़ारा देख रह गई दंग
punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 08:47 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद में भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित पट्टीहाट चौराहे पर एक संदिग्ध मदरसे में शुक्रवार को एसडीएम और पुलिस की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई की। इस छापेमारी में मदरसे के भीतर बाथरूम में छिपी हुईं करीब 40 लड़कियां मिलीं, जिनकी मौजूदगी ने प्रशासन को चौंका दिया। शुरुआती जांच में मदरसा न तो पंजीकृत मिला और न ही वहां के संचालक के पास किसी प्रकार के वैध दस्तावेज पाए गए। मामला सामने आने के बाद उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट सौंप दी गई है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
गेट नहीं खोला, पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी
एसडीएम अश्विनी पांडे के नेतृत्व में जब जांच टीम मदरसे पर पहुंची तो वहां मौजूद लोगों ने गेट खोलने से साफ इनकार कर दिया। संदेह गहराने पर पयागपुर थाने से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। इसके बाद जबरन गेट खोलकर परिसर में प्रवेश किया गया, जहां अंदर का नजारा हैरान करने वाला था। पुलिस ने देखा कि कई लड़कियां बाथरूम में छिपी हुई थीं। इन्हें बाहर निकालकर पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने बताया कि वे यहां तालीम लेने आती हैं। हालांकि, यह सवाल बना हुआ है कि रात के समय इतनी बड़ी संख्या में लड़कियां मदरसे में क्यों मौजूद थीं।
मदरसा अवैध, कागजात शून्य
छापेमारी के दौरान न तो मदरसे की कोई मान्यता दिखाई गई और न ही संचालन से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराए गए। मदरसा किस संस्था द्वारा चलाया जा रहा था, किस आधार पर बच्चों को रखा गया था, इस बारे में संचालक ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। एसडीएम ने कहा कि मामला अत्यंत गंभीर है, क्योंकि बच्चियों को बिना पारिवारिक जानकारी के वहां देर शाम तक रखा जा रहा था।
विदेशी फंडिंग की भी जांच शुरू
मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच में विदेशी फंडिंग की आशंका भी जताई जा रही है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी खालिद ने जानकारी दी कि मदरसे को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है। साथ ही, वहां पढ़ाई कर रही लड़कियों को उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मदरसे को मिलने वाले आर्थिक स्रोतों की भी जांच की जा रही है, जिससे पता लगाया जा सके कि फंडिंग किन-किन माध्यमों से हो रही थी। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, फंडिंग का स्रोत संदिग्ध प्रतीत हो रहा है।
जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी गई
एसडीएम अश्विनी पांडे और पयागपुर पुलिस ने मौके पर की गई जांच की रिपोर्ट जिलाधिकारी और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को सौंप दी है। साथ ही, इस पूरे घटनाक्रम को लेकर उच्चस्तरीय जांच का सुझाव भी दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार, मामले की तह तक जाने के लिए सभी संभावित पहलुओं की गहनता से जांच की जा रही है — जिसमें बच्चों की सुरक्षा, मदरसे की वैधता, और फंडिंग के स्रोत प्रमुख हैं।
सीमा क्षेत्र में चल रहे मदरसों पर सख्ती के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद भारत-नेपाल सीमा से सटे जिलों में अवैध रूप से चल रहे मदरसों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। बहराइच भी इन्हीं संवेदनशील इलाकों में आता है, जहां सीमापार गतिविधियों पर शासन की कड़ी नजर है। इसी क्रम में यह कार्रवाई की गई है, जो आने वाले समय में अन्य मदरसों की जांच का आधार बन सकती है।