Modi Surname Case : सामने आई कोर्ट रूम की बहस, राहुल गांधी के वकील सिंघवी ने कही दमदार बातें
punjabkesari.in Friday, Aug 04, 2023 - 04:08 PM (IST)

- सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपना पक्ष रखते हुए विपक्ष को घेरा।
- शिकायतकर्ता के पास ठोस सबूत नहीं होने पर किया राहुल गांधी का बचाव।
- लेकिन वकील की राननीतिक बातों पर जस्टिस गवई ने दिया जवाब।
नेशनल डैस्क : सुप्रीम कोर्ट ने मोदी उपनाम को लेकर की गई कथित विवादित टिप्पणी के संबंध में 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए शुक्रवार को उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल कर दी। इसी के साथ कांग्रेस को बड़ी राहत भी मिली। अब राहुल गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं। जरूरी यह भी है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जल्द से राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करे। अब कोर्ट रूम में मामले को लेकर क्या बहस हुई, इसकी सारी डिटेल सामने आ चुकी है। आइए जानें राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील देते हुए क्या खास बातें कहीं-
वकील अभिषेक मनु सिंघवी की बातें-
- शिकायतकर्ता का सरनेम खुद मोदी नहीं है। पूर्णेश मोदी ने स्वयं कहा कि उनका मूल उपनाम मोदी नहीं था। उसका इससे पहले सरनेम मोध था। दोषसिद्धि पर रोक लगाने के लिए आपको साबित करना होगा कि यह एक्ससेप्शनल केस है।
- राहुल गांधी ने अपने भाषण में जिन लोगों का नाम लिया था, उनमें से एक ने भी मुकदमा नहीं किया। 13 करोड़ के इस छोटे समुदाय में जो भी लोग पीड़ित हैं, उनमें से सिर्फ भाजपा के पदाधिकारियों को ही दिक्कत आ रही है। यह हैरान कर देने वाली बात है। आबादी में न कोई एकरूपता है, न पहचान की एकरूपता है, न कोई सीमा रेखा है। दूसरा कि यह एक पूर्णेश मोदी ने स्वंय कहा कि उनका मूल सरनेम मोदी नहीं था।
- राहुल गांधी वायनाड से सांसद थे, लेकिन आपराधिक मानहानि केस में सजा देते समय उन्हें अपराधी की तरह देखा गया। फैसले के लिए हमने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहां मई में मैंने सुनवाई खत्म की, लेकिन फैसला जुलाई में आया। वह जानते थे कि मामला लोकसभा सदस्यता का है, लेकिन कोर्ट ने 66 दिनों तक ऑर्डर रोके रखा।
- सुब्रमण्यम स्वामी मामले में मैंने तर्क दिया था कि आपराधिक मानहानि असंवैधानिक नहीं है। जस्टिस मिश्रा की बेंच ने माना था, सिर्फ संवैधानिकता के सवाल पर, व्यक्तिगत आधार पर नहीं।’
- यह कोई अपहरण का मामला नहीं है। ना ही रेप या हत्या का मामला है। शायद ही दो साल की सजा ऐसे मामले में दी गई हो। 8 साल तक उन्हें चुप कर दिया जाएगा. मुझे किसी भी और दूसरे मामले में दोषी नहीं पाया गया है. कई सारे मामले BJP कार्यकर्ता द्वारा दाखिल किए हैं. सिंघवी ने कहा, ‘
- राजनीति में आपसी सम्मान का होना बेहद आवश्यक है। राहुल गांधी कोई अपराधी नही हैं।
- राहुल गांधी के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। शिकायकर्ता ने न्यूज पेपर की कटिंग के आधार पर शिकायत दर्ज कराई जो उसके WhatsApp के जरिए मिली थी।
कोर्ट रूम से 2 खास बातें...
जब सुनवाई हो रही थी तो मनु सिंघवी ने कहा कि वायनाड में इसलिए चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं, क्योंकि वहां बीजेपी को हार का डर सताया हुआ है। इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि आप और जेठमलानी राजनीतिक बातें राज्यसभा में कर लेना। फिर इसके बाद सिंघवी ने अपनी बातें वापस ले ली।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के विस्तृत आदेश पर टिप्पणी की, जिसका सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बचाव किया। मेहता ने कहा कि कभी-कभी सुप्रीम कोर्ट पर्याप्त कारण नहीं बताने के लिए उच्च न्यायालयों की आलोचना करता है और इसलिए, हाईकोर्ट के न्यायाधीश विस्तृत आदेश देने लगे हैं।