पहले पहलगाम हमला, फिर ऑपरेशन सिंदूर और अब सीजफायर... राहुल गांधी और खरगे ने PM को चिट्ठी लिख कही ये बात
punjabkesari.in Sunday, May 11, 2025 - 02:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क. भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सीजफायर के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार से एक बड़ी मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र तुरंत बुलाने का आग्रह किया है।
राहुल गांधी का पत्र
राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा- "मैं विपक्ष की सर्वसम्मति से की गई अपील को दोहराता हूं कि संसद का विशेष सत्र तुरंत बुलाया जाए। पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर पर चर्चा करना देश की जनता और उनके प्रतिनिधियों के लिए बेहद जरूरी है। सीजफायर की घोषणा सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की थी, इसलिए इस पर चर्चा और भी आवश्यक हो जाती है। यह सत्र आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प को प्रदर्शित करने का अवसर भी होगा।" उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से इस मांग पर गंभीरता से विचार करने और जल्द ही इस पर पहल करने का अनुरोध किया।
मल्लिकार्जुन खरगे का पत्र
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा, "आपको याद होगा कि 28 अप्रैल 2025 को लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेताओं ने मिलकर आपसे पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर संसद का विशेष सत्र बुलाने की अपील की थी। अब ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर की घोषणा के बाद सभी विपक्षी दलों ने एकमत होकर फिर से संसद का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया है। राज्यसभा में विपक्ष का नेता होने के नाते, मैं इस अपील को आप तक पहुंचा रहा हूं।
My letter to PM Shri @narendramodi requesting to convene a special session of the Parliament to discuss the Pahalgam Terror Attack, Operation Sindoor and the Ceasefire announcements first from Washington DC and later by the Governments of India and Pakistan. pic.twitter.com/bhHf3euTkk
— Mallikarjun Kharge (@kharge) May 11, 2025
कपिल सिब्बल की मांग
इससे पहले वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी प्रधानमंत्री मोदी से ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाने और पूरी जानकारी देने की मांग की थी। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच 12 मई को होने वाली बातचीत की जानकारी भी सार्वजनिक की जानी चाहिए।