रिहाई के बाद बोली प्रियंका शर्मा- मैं ममता से नहीं मांगूगी माफी

punjabkesari.in Wednesday, May 15, 2019 - 12:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मीम शेयर करने के मामले में भाजपा युवा मोर्चा की नेता प्रियंका की रिहाई में देरी करने पर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि लगता है प्रियंका की गिरफ्तारी मनमाने तरीके से की गई। अगर रिहाई में देरी हुई तो अवमानना नोटिस जारी करेंगे।
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बता दें कि प्रियंका की रिहाई में देरी करने पर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा कि लगता है प्रियंका की गिरफ्तारी मनमाने तरीके से की गई। अगर रिहाई में देरी हुई तो अवमानना नोटिस जारी करेंगे। प्रियंका शर्मा के परिवार की ओर से वकील नीरज किशन कौल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अभी तक उन्हें रिहा नहीं किया गया है। राज्य की पुलिस ने मामले में क्लोजर रिपोर्ट भी दाखिल की है। इसलिए माफी मांगने का कोई मतलब नहीं बनता है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत देने के बाद भी प्रियंका को तत्काल रिहा क्यों नहीं किया गया? हमारा आदेश स्पष्ट था और इसका तुरंत पालन होना चाहिए।
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बता दें कि न्यायालय ने प्रियंका शर्मा को जमानत पर तत्काल रिहा करने का मंगलवार को आदेश दे दिया था। दिया। हालांकि न्यायालय ने यह भी कहा था कि प्रियंका  जेल से निकलने के बाद लिखित तौर पर माफी मांगे। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अवकाशकालीन पीठ ने प्रियंका की जमानत के लिए पहले लिखित माफीनामे की शर्त रखी थी, लेकिन वादी के वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि प्रियंका जेल में बंद हैं और वह सोशल मीडिया पर माफी मांगने की शर्त कैसे पूरी कर सकती हैं? इसके बाद न्यायालय ने शर्मा को तत्काल जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया, साथ ही यह भी कहा कि प्रियंका जेल से रिहा होने पर लिखित माफी मांगेंगी। 

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गौरतलब है कि भारतीय जनता युवा मोर्चा की कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा ने सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मीम वाली तस्वारें साझा की थीं। तृणमूल कांग्रेस के नेता विभास हाजरा की शिकायत पर उन्हें 10 मई को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 (मानहानि) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून की कुछ धाराओं का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। प्रियंका शर्मा ने राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था। पच्चीस वर्षीया प्रियंका की ओर से उनके परिवार ने प्राथमिकी रद्द करने और जमानत पर रिहा करने की अर्ज़ी न्यायालय में लगाई थी। 


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vasudha

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