Kailash Mansarovar यात्रा की तैयारी शुरू, 10 दिन में पूरी होगी यात्रा
punjabkesari.in Friday, Feb 07, 2025 - 10:28 AM (IST)
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नेशनल डेस्क। चीन के आधिपत्य वाले तिब्बत में स्थित कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारी शुरू हो चुकी है। 2019 से यह यात्रा बंद थी लेकिन अब भारतीयों का पहला जत्था जून के पहले हफ्ते में रवाना हो सकता है। इस यात्रा के लिए भारत और चीन के बीच सहमति बन जाने के बाद हाल ही में विदेश मंत्रालय और उत्तराखंड सरकार की पहली बैठक हुई है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार इस बार यात्रा में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं। पहले हल्द्वानी तक जाने के बाद यात्रा की शुरुआत होती थी लेकिन अब यात्रियों का पहला पड़ाव करीब 330 किमी दूर टनकपुर में होगा। इसके बाद नई दिल्ली से लिपुलेख दरें तक गाड़ियों से यात्रा की जाएगी। लिपुलेख दरें के दूसरी तरफ चीन का बॉर्डर शुरू होता है जहां एक टू-लेन रोड बनी है। यहां से बसें कैलाश तक यात्रा करेंगी।
पिथौरागढ़ के पर्यटन अधिकारी कीर्तिराज आर्य ने बताया कि इस बार यात्रा का रूट बदल जाएगा। धारचूला से तवाघाट होते हुए एक ही दिन में लिपुलेख दरें से 30 किमी पहले गुंजी गांव पहुंचेंगे। पहले 8 दिन लगते थे, लेकिन अब यात्रा में 10 दिन का समय लगेगा और यात्रियों को कैलाश क्षेत्र में चौथे या पांचवे दिन पहुंचने का मौका मिलेगा। यात्रा की कुल अवधि पहले 24 दिन की होती थी अब यह मात्र 10 दिन में पूरी हो जाएगी।
यात्रा का नया रूट
2019 की व्यवस्था के अनुसार दिल्ली से हल्द्वानी तवाघाट तक गाड़ी से यात्रा की जाती थी। फिर गुंजी से लिपुलेख तक 95 किमी का पैदल सफर करना पड़ता था। इस दौरान कैलाश तक जाने और वापस लौटने में कुल 24 दिन लगते थे।
लेकिन 2025 में यह यात्रा काफी तेज हो जाएगी। दिल्ली से टनकपुर फिर धारचूला होते हुए अगला पड़ाव गुंजी और लिपुलेख होगा। चौथे दिन तिब्बत से कैलाश पर्वत पहुंचेंगे और 9वें दिन टनकपुर वापस लौटेंगे। इस यात्रा के दौरान बुदि, गुंजी, नाभीहांग और लिपुलेख में कुमाऊं मंडल विकास निगम के होमस्टे में ठहरने की व्यवस्था की जाएगी।
इस नई व्यवस्था से यात्रियों को समय की बचत होगी और कैलाश मानसरोवर की यात्रा अब पहले से कहीं ज्यादा सुविधाजनक हो जाएगी।