कर्नाटक में आत्महत्या और सियासत का भूचाल; प्रियांक खड़गे पर गंभीर आरोप, बीजेपी ने खोला मोर्चा
punjabkesari.in Monday, Dec 30, 2024 - 05:11 PM (IST)
नेशनल डेस्क: कर्नाटक में एक ठेकेदार की आत्महत्या ने राज्य की राजनीति को हिला दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और राज्य के मंत्री प्रियांक खड़गे विवादों के केंद्र में हैं। ठेकेदार सचिन पंचाल की आत्महत्या के मामले में खड़गे के करीबी सहयोगी राजू कपनूर पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिससे बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रियांक के इस्तीफे की मांग तेज कर दी है।
आत्महत्या का मामला और आरोपों की गंभीरता
बीदर जिले के 26 वर्षीय ठेकेदार सचिन पंचाल ने 26 दिसंबर को चलती ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। अपने सुसाइड नोट में उन्होंने राजू कपनूर को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया। सचिन ने आरोप लगाया कि कपनूर और उनके सहयोगी उनसे 1 करोड़ रुपये मांग रहे थे और पैसे न देने पर जान से मारने की धमकी दे रहे थे। सुसाइड नोट में दावा किया गया कि कपनूर ने बीजेपी एमएलए बसवराज मत्तीमाडू, अंडोला मठ के सिद्धलिंग स्वामी, बीजेपी नेता मणिकांता राठौड़, और चंदू पाटिल की हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने कपनूर और उनके चार साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और जांच जारी है।
बीजेपी का हमला और सीबीआई जांच की मांग
बीजेपी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह "सरकार प्रायोजित आत्महत्या" है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने मृतक के परिवार से मुलाकात की और आरोप लगाया कि पुलिस ने शिकायत दर्ज करने में आनाकानी की। विजयेंद्र ने कलबुर्गी के पुलिस थानों को "कांग्रेस कार्यालय" तक करार दिया। बीजेपी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है और प्रियांक खड़गे के इस्तीफे पर जोर दिया है।
कांग्रेस सरकार के खिलाफ बढ़ता गुस्सा
मृतक के परिवार ने कांग्रेस सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है। प्रभारी मंत्री ईश्वर खंड्रे ने मृतक के घर जाकर परिजनों को सांत्वना दी और 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की। उन्होंने सीआईडी जांच कराने की बात कही, लेकिन परिजन सरकार को दोषी ठहराते हुए उनसे जाने को कह दिया।
प्रियांक खड़गे का पलटवार
प्रियांक खड़गे ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी बिन सबूत उनके इस्तीफे की मांग कर रही है। उन्होंने चुनौती दी कि अगर कोई ठोस प्रमाण है, तो उसे सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि राजू कपनूर उनके करीबी रहे हैं लेकिन उनके पहले बीजेपी एससी मोर्चा के अध्यक्ष भी थे।