खतरे में नेपाल के पीएम ओली की कुर्सी, सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने मांगा इस्तीफा

punjabkesari.in Tuesday, Jun 30, 2020 - 07:31 PM (IST)

काठमांडूः चीन के साथ पींगे बढ़ाने वाले नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा औली को अपनी ही पार्टी के भीतर कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री और सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सह अध्यक्ष पुष्प कमल दहल और अन्य नेताओं ने औली पर विभिन्न मुद्दों को हल करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है। काठमांडू पोस्ट के अनुसार आज पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में दहल के साथ पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं माधव नेपाल, झाला नाथ खनाल और बामदेव गौतम आदि ने भी ओली से पद से इस्तीफा देने की मांग जोरशोर से बुलंद की।

अपने ही घर में घिरे ओली
एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष दहल ‘प्रचंड' पहले भी खुलकर ओली की आलोचना के साथ उनसे इस्तीफे की मांग कर चुके हैं। पार्टी की स्थायी समिति की बैठक में अधिकतर सदस्यों ने श्री ओली से इस्तीफे की मांग की है। इस्तीफे की मांग करने वाले पार्टी के नेताओं का आरोप है कि ओली सरकार चलाने में नाकाम रहे हैं और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। इससे पहले हुई बैठक में भी दोनों नेताओं के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था। प्रचंड तो प्रधानमंत्री को पहले भी चेतावनी दे चुके हैं और कहा है कि अगर उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया तो वह पार्टी को तोड़ देंगे।  भारत का घनिष्ठ मित्र नेपाल पिछले कुछ दिनों से चीन के साथ पींगे बढ़ा रहा है। नाराज नेताओं की ओली से इस्तीफे की मांग प्रधानमंत्री के दो दिन पहले के उस सार्वजनिक बयान के बाद आई है जिसमें उनकी सरकार गिराने के लिए षडयंत्र का आरोप लगाया था।

भारत पर सरकार गिराने के लगाए थे आरोप
नेपाल और भारत के बीच हाल में संबंधों में कड़वाहट पड़ोसी सरकार की उस करतूत के बाद आई जिसमें नेपाल ने नया नक्शा पास किया है जिसमें कालापो,लिपुलेख और लिमपियाधुरा को वह अपना हिस्सा बता रहा है जबकि भारत का दावा है कि यह उसका क्षेत्र है। हाल ही में कम्युनिस्ट नेता मदन भंडार के 69 वें जन्म दिवस के मौके पर आयोजित हुए एक कार्यक्रम में ओली ने कहा था कि भले ही उन्हें कुर्सी से हटाने का खेल शुरू है, लेकिन यह सफल नहीं होगा।

उन्होंने कहा था कि भारतीय जमीन को नेपाली नक्शे में दिखाने वाले संविधान संशोधन के बाद से उनके खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल की राष्ट्रीयता कमजोर नहीं है। किसी ने यह नहीं सोचा था कि नक्शे को छापने के लिए किसी प्रधानमंत्री को पद से हटाने के लिए साजिशें रची जाएंगी। स्थाई समिति के सद्स्यों-नेताओं ने आज प्रधानमंत्री से उन्हें पद से हटाने के लिये किये जा रहे षडयंत्र के साक्ष्य दिखाने की भी मांग की है।       

 


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Yaspal

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