कश्मीर की बारिश बनी पाकिस्तान के लिए आफत, PoK में बाढ़ का खतरा मंडराया!

punjabkesari.in Friday, May 02, 2025 - 06:07 PM (IST)

नेशलन डेस्क: जम्मू-कश्मीर में मूसलाधार बारिश के बाद अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में बाढ़ का खतरा गहराने लगा है। खासकर चिनाब और झेलम नदियों में अचानक जलस्तर बढ़ गया है जिससे पाकिस्तान के कई इलाकों में जलप्रलय की आशंका जताई जा रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक 1 मई से 6 मई 2025 के बीच जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद सहित आसपास के क्षेत्रों में तेज बारिश, बिजली गिरने और तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान जारी किया गया है। इसका सीधा असर चिनाब और झेलम नदियों के बहाव पर पड़ा है।

चिनाब नदी का उफान और बाढ़ का अलर्ट

2 मई को जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में भारी बारिश के कारण चिनाब नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। चिनाब नदी जो भारत से पाकिस्तान की ओर बहती है, उसका बढ़ा जलस्तर पाकिस्तान के लिए गंभीर संकट लेकर आया है। चिनाब के किनारे बसे पाक अधिकृत कश्मीर के गांवों में बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी गई है। स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर है।

झेलम में छोड़ा गया पानी बना आफत

26 अप्रैल 2025 को भारत की ओर से झेलम नदी में अतिरिक्त पानी छोड़ा गया था, जो हट्टिन बाला क्षेत्र होते हुए पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद तक पहुंचा। इससे मुजफ्फराबाद में बाढ़ जैसे हालात बन गए और स्थानीय प्रशासन ने ‘वॉटर इमरजेंसी’ घोषित कर दी। अनंतनाग जिले से होकर गुजरने वाली झेलम नदी का पानी चकोठी क्षेत्र में भी घुस गया, जिससे कई इलाके जलमग्न हो गए। बाढ़ से हजारों लोग प्रभावित हैं और प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है क्योंकि बारिश का दौर जारी है।

भारत के फैसलों से घबराया पाकिस्तान

बारिश और बाढ़ की मार झेल रहे पाकिस्तान को भारत के सख्त फैसलों ने और घबरा दिया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सिंधु जल संधि को निलंबित करने जैसे बड़े कदम उठाए हैं। भारत का कहना है कि पाकिस्तान बार-बार सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और इसका सीधा असर भारत के अधिकारों पर पड़ता है। भारत के इस फैसले से पाकिस्तान में बौखलाहट है और वह संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका के दरवाजे खटखटा रहा है।

क्या है सिंधु जल संधि और क्यों है विवाद?

साल 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता से सिंधु जल संधि हुई थी। इसके तहत तीन पूर्वी नदियां (सतलुज, रावी और ब्यास) भारत को और तीन पश्चिमी नदियां (सिंधु, झेलम और चिनाब) पाकिस्तान को दी गई थीं। लेकिन संधि में यह भी प्रावधान था कि भारत जरूरत पड़ने पर कुछ मात्रा में पानी को रोक सकता है या अपनी परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल कर सकता है। अब भारत इस अधिकार का उपयोग कर पाकिस्तान की जल आपूर्ति पर दबाव बना रहा है, जिससे पाकिस्तान की चिंता और बढ़ गई है।

PoK में बाढ़ का खतरा क्यों बढ़ा?

▪ भारी बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ा
▪ झेलम और चिनाब में पानी छोड़े जाने से आपदा की आशंका
▪ पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की चेतावनी
▪ पाकिस्तान के पास सीमित राहत और बचाव संसाधन
▪ बाढ़ के साथ बिजली आपूर्ति और संचार सेवाएं भी प्रभावित

पाकिस्तान की दोहरी मार

एक तरफ भारत के राजनीतिक और कूटनीतिक कदम पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बारिश और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं पाकिस्तान को मुश्किल में डाल रही हैं। ऐसे में पाकिस्तान के लिए आगामी हफ्ते बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।

बाढ़ का असर किन क्षेत्रों में पड़ सकता है?

▪ मुजफ्फराबाद (PoK)
▪ गिलगित-बाल्टिस्तान
▪ चिनाब और झेलम के तटीय गांव
▪ चकोठी और हट्टिन बाला क्षेत्र
▪ पाकिस्तान के पंजाब और सिंध के कुछ निचले इलाके


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Ashutosh Chaubey

Related News