जयपुर से किडनैप हुए युवक को पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में हिमाचल से ढूंढा निकाला, एक महिला समेत 5 गिरफ्तार
punjabkesari.in Wednesday, Aug 28, 2024 - 12:05 PM (IST)
राजस्थान: जयपुर जिले के नाहरगढ़ किले से किडनैप हुए एक युवक को पुलिस ने हिमाचल के सोलन से ढूंढ निकाला है। साथ ही पुलिस ने इस मामले में एक महिला समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में से एक मास्टरमाइंड सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी शामिल है।
क्या कहती है पुलिस?
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के अनुसार, बीती 18 अगस्त को अनुज मीणा और सोनी सिंह चौहान नाहरगढ़ पहाड़ पर घूमने गए थे। यहां नाहरगढ़ पहाड़ी पर रात को कार सवार 4 बदमाशों ने अनुज और सोनी सिंह से मारपीट की और नशीली दवा सुंघाकर उन्हें बेहोश कर दिया। इसके बाद वह बेहोशी की हालत में अनुज को कार में डालकर अपने साथ हिमाचल प्रदेश ले गए, जबकि उसके दोस्त सोनी को वहीं छोड़ गए। वहीं, जब सोनी को होश आया तो उसने घटना की जानकारी पुलिस को दी।
अनुज की तलाश में जुटी पुलिस ने उसे खोजने की काफी कोशिश की, लेकिन उन्हें कोई सुराग नहीं मिला। इसी बीच 20 अगस्त को अपहरणकर्ताओं ने अनुज के मोबाइल से उसके पिता को फोन कर 20 लाख रुपए की फिरौती की मांग की। इसकी सूचना अनुज के पिता ने पुलिस को दी। पुलिस ने बताया कि 21 अगस्त को फिर बदमाशों ने अनुज के पिता को फोन किया और 20 लाख की मांग की। बदमाशों ने 22 अगस्त को तीसरी बार फोन करके पैसा लेकर चंडीगढ़ आने के लिए कहा। वहीं, जब अनुज की मां के साथ पुलिस पैसे लेकर रवाना हुई तो बदमाशों ने चंडीगढ़ से जगह बदलकर शिमला के कालका रेलवे स्टेशन पर आने को कहा। इसके बाद 23 अगस्त को पुलिस और अनुज की मां ट्रेन में बैठ गए। फिर बदमाशों ने फोन कर धर्मपुर रेलवे स्टेशन के आसपास बैग फेंकने के लिए कहा। यहां पर पहले से ही मौजूद पुलिस की टीम के एक शख्स पर शक हुआ, जिसको पकड़कर पुलिस ने पूछताछ की। पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को वह स्थान बताया जहां अनुज बंधक था। इसके बाद पुलिस ने अनुज को सुरक्षित मुक्त कराया और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने दिया वारदात को अंजाम
पुलिस ने इस मामले में विरेन्द्र सिंह (40) , विनोद (26), अमित कुमार (24) , जितेंद्र भंडारी (21) और एक महिला जमुना सरकार (36) को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि विरेन्द्र सिंह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। यूपी में अपने व्यवसाय में नुकसान की भरपाई के लिए उन्होंने अपहरण की योजना बनाई थी। इनके खिलाफ पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।