Special Session: विशेष सत्र से एक दिन पहले PM मोदी नई संसद पर फहरा सकते हैं तिरंगा, जानें कब शुरू होगा स्पेशल सेशन?

punjabkesari.in Wednesday, Sep 13, 2023 - 09:01 PM (IST)

नेशनल डेस्कः संसद के विशेष सत्र से पहले नई संसद पर तिरंगा झंडा फहराया जाएगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि संसद के विशेष सत्र से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई संसद पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। इस दौरान लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश राय मौजूद रहेंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जून को नई संसद के उद्घाटन किया था।

सरकार ने बुलाया पांच दिवसीय विशेष सत्र
सरकार ने मानसून सत्र के 1 महीने बाद संसद का विशेष सत्र बुलाया है। यह सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा और 22 सितंबर तक चलेगा। विशेष सत्र के दौरान कोई प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं होगा। किसी भी सदन में प्राइवेट बिल पेश नहीं होगा। सरकार ने यह विशेष सत्र किसलिए बुलाया है। अभी इसको लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
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सोनिया गांधी ने लिखा सरकार को लिखा था पत्र
वहीं, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र के दौरान देश की आर्थिक स्थिति, जातीय जनगणना, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध और अडाणी समूह से जुड़े नए खुलासों की पृष्ठभूमि में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग समेत नौ मुद्दों पर उचित नियमों के तहत चर्चा कराई जाए। उन्होंने पत्र में कहा, “मैं इस बात का उल्लेख करना चाहूंगी कि संसद का विशेष सत्र राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किए बिना बुला लिया गया। इस सत्र के एजेंडे के बारे में हमें जानकारी नहीं है।''
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परंपरा का किया पालन
सोनिया गांधी के पत्र का जवाब उन्हें पत्र लिखकर देते हुए जोशी ने कहा, ‘‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप संसद, हमारे लोकतंत्र के मंदिर के कामकाज का भी राजनीतिकरण करने और जहां कोई विवाद नहीं है वहां अनावश्यक विवाद उत्पन्न करने का प्रयास कर रही हैं।'' उन्होंने संसद सत्र बुलाए जाने की प्रक्रिया का हवाला देते हुए कहा कि ‘पूर्ण रूप से स्थापित प्रक्रिया' का पालन करते हुए ही संसदीय कार्य संबंधी मंत्रिमंडल समिति के अनुमोदन के पश्चात राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्म द्वारा 18 सितंबर से आरंभ होने वाला सत्र बुलाया गया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सत्र की कार्यसूची स्थापित परंपरा के अनुसार उचित समय पर जारी की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी संसदीय कार्यप्रणाली में चाहे सरकार किसी भी दल की रही हो, आज तक संसद बुलाने के समय कार्य सूची पहले से कभी भी परिचालित नहीं की गई।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूर्ण विश्वास है कि संसद की गरिमा बनी रहेगी और इस मंच का उपयोग राजनीतिक विवादों के लिए नहीं किया जाएगा।'' जोशी ने सत्र के सुचारू रूप से संचालन में गांधी के पूर्ण सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि इससे राष्ट्रीय हित में सार्थक परिणाम सामने आ सकेंगे।
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चर्चा में एक देश, एक चुनाव
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है, मोदी सरकार संसद के विशेष सत्र में ‘एक देश, एक चुनाव’ का बिल सकती सकती है।“ सरकार ने यह सेशन ऐसे समय बुलाया है, जब हाल ही में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में एक रैली के दौरान कहा था, “भाजपा समय से पहले लोकसभा चुनाव करा सकती है। उन्होंने कहा था, “मुझे आशंका है कि वे (भाजपा) दिसंबर 2023 में ही लोकसभा चुनाव करा सकते हैं...भाजपा ने पहले ही हमारे देश को समुदायों के बीच कटुता वाले देश में बदल दिया है। अगर वे सत्ता में वापसी करते हैं, तो इससे हमारा देश नफरत का देश बन जाएगा।'' हालांकि, इस बारे में अभी कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है कि सरकार ने यह स्पेशल सेशन क्यों और किसलिए बुलाया है।

पुरानी से नई संसद में कामकाज हो सकता है स्थानांतरित
सूत्रों के अनुसार, विशेष सत्र के दौरान संसदीय कामकाज नये संसद भवन में स्थानांतरित हो सकता है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई को किया था। संसद के नये भवन से जुड़े निर्माण कार्यो को अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि यह सत्र की मेजबानी के लिए तैयार हो सके। आमतौर पर संसद के तीन सत्र होते हैं। इसमें बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र शामिल हैं। विशेष परिस्थितियों में संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने का प्रावधान है। संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त को समाप्त हुआ था। हाल में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और अमृत काल के दौरान भारत के लक्ष्य भी विशेष सत्र में चर्चा का हिस्सा हो सकते हैं। विशेष सत्र का एजेंडा स्पष्ट नहीं होने के बीच ऐसी अटकलें हैं कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार कोई विधेयक पेश कर सकती है।
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बता दें कि अमृत काल के बीच ‘संसद का विशेष सत्र' 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है जिसमें पांच बैठकें होंगी। संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। हालांकि यह सत्र 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधनी में G20 शिखर बैठक के कुछ दिनों बाद आयोजित होने जा रहा है। जोशी ने कहा कि संसद के इस विशेष सत्र में पांच बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि अमृत काल के बीच आयोजित होने वाले इस विशेष सत्र के दौरान संसद में सार्थक चर्चा को लेकर आशान्वित हैं।  


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Content Writer

Yaspal

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