दिल्ली-NCR में खत्म होंगे पेट्रोल-डीजल वाहन, ईंधन बदलाव की नई योजना पर चर्चा तेज

punjabkesari.in Wednesday, Apr 02, 2025 - 12:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र सरकार बड़े बदलावों पर विचार कर रही है। आने वाले समय में दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में पेट्रोल और डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा और उनकी जगह इलेक्ट्रिक, सीएनजी और हाइब्रिड वाहन लेंगे। इस विषय पर उच्च स्तर पर चर्चा चल रही है और जल्द ही कई सख्त नियम लागू हो सकते हैं।

बसों और मालवाहक वाहनों से होगी शुरुआत
सरकार सबसे पहले सार्वजनिक परिवहन और मालवाहक वाहनों को स्वच्छ ईंधन पर आधारित बनाने की योजना बना रही है। माना जा रहा है कि 2025 के अंत तक केवल इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों का ही पंजीकरण किया जाएगा। इसके अलावा, हल्के और तिपहिया मालवाहनों के लिए यह नियम 2026 की शुरुआत से 2027 तक लागू किया जा सकता है। दिल्ली में बीएस-VI उत्सर्जन मानकों से कम पर चलने वाले मालवाहक वाहनों को भी एक साल के भीतर प्रवेश से रोका जा सकता है। इससे वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी।

टैक्सियों को बदलाव के लिए मिलेगा अधिक समय
सरकार कमर्शियल टैक्सियों को इस बदलाव के लिए अधिक समय देने की योजना बना रही है। हालांकि, निजी कारों और दोपहिया वाहनों को स्वच्छ ईंधन में बदलने की समयसीमा सबसे अंत में रखी जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि 2030 से 2035 के बीच केवल इलेक्ट्रिक, सीएनजी या हाइब्रिड वाहनों का पंजीकरण किया जाएगा और पेट्रोल-डीजल वाहनों को पूरी तरह से चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा।

दिल्ली से शुरू होगा नियम, फिर NCR में होगा विस्तार
नए नियमों को पहले दिल्ली में लागू किया जाएगा, फिर गुरुग्राम, गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद जैसे अधिक वाहन घनत्व वाले क्षेत्रों में इसे विस्तारित किया जाएगा। इसके बाद पूरे NCR में यह नीति लागू होगी। इस तरह से यह योजना धीरे-धीरे सभी वाहनों को स्वच्छ ईंधन पर स्थानांतरित करने की दिशा में बढ़ेगी।

अवैध रूप से चल रहे वाहनों पर भी होगी कार्रवाई
दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अवैध रूप से चल रहे पुराने और कम उत्सर्जन मानकों वाले निजी वाहनों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त किया जा सकता है और उन पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।

सड़कों पर धूल को रोकने की भी योजना
सरकार न केवल वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने पर ध्यान दे रही है, बल्कि सड़कों की धूल से होने वाले प्रदूषण को भी नियंत्रित करने की योजना बना रही है। दिल्ली में लगभग 2,000 किलोमीटर लंबी सड़कों की पहचान की गई है, जिन्हें पुनर्विकास की जरूरत है। इन सड़कों पर मशीनीकृत स्वीपर, एंटी-स्मॉग गन और वाटर स्प्रिंकलर लगाए जाएंगे ताकि धूल कम हो सके। इसके अलावा, हरियाली को बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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