दिल्ली-NCR में दिन 14 घंटे तक का हो गया... देर शाम तक नहीं हो रहा अंधेरा, जानें क्या है वजह
punjabkesari.in Thursday, Jun 19, 2025 - 05:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क: इन दिनों अगर आप दिल्ली, नोएडा या गाज़ियाबाद जैसे इलाकों में रहते हैं, तो एक बात ने जरूर आपका ध्यान खींचा होगा—शाम ढल रही है, लेकिन अंधेरा होने का नाम नहीं ले रहा। ऐसा लगता है मानो दिन खत्म ही नहीं हो रहा। नज़ारा बिल्कुल वैसा जैसा नार्वे, फिनलैंड या आइसलैंड में देखा जाता है, जहां सूरज आधी रात तक आसमान में बना रहता है। फर्क सिर्फ इतना है कि वहां तो सूरज हफ्तों तक डूबता ही नहीं, पर दिल्ली में ऐसा क्यों हो रहा है?
असल में इसका जवाब छुपा है धरती के झुकाव और धरती-सूरज की स्थिति में। दिल्ली-NCR की भौगोलिक स्थिति 28.6 डिग्री उत्तरी अक्षांश (Latitude) पर है और यह उत्तर गोलार्ध में आता है। साल के इस समय यानी जून में, धरती का उत्तरी हिस्सा सूर्य की ओर अधिक झुका होता है। 21 या 22 जून को होता है समर सॉल्स्टिस, जब साल का सबसे लंबा दिन होता है। इसी झुकाव की वजह से सूरज की किरणें दिल्ली जैसे क्षेत्रों पर लगभग सीधी पड़ती हैं।
19 जून को ही देख लीजिए—सूर्योदय सुबह 5:22 बजे और सूर्यास्त रात 7:22 बजे होता है। यानी दिन की कुल लंबाई 14 घंटे से भी अधिक हो जाती है। ऐसे में जब आप शाम 7 बजे टहलने निकलते हैं, तो लगता है कि दिन जैसे अभी खत्म नहीं हुआ।
इसके अलावा गर्मियों में NCR का मौसम अपेक्षाकृत साफ रहता है, हवा में धूल और नमी कम होती है, जिससे सूर्यास्त की रोशनी अधिक देर तक बनी रहती है। यही कारण है कि दिन देर तक 'खिंचा' हुआ लगता है और अंधेरा आने में वक्त लगता है।
इतिहास की बात करें, तो 16वीं सदी में कोपरनिकस और बाद में गैलीलियो जैसे वैज्ञानिकों ने साबित किया था कि सूर्य स्थिर है और धरती सूर्य के चारों ओर घूमती है। हम जो ‘सूर्योदय’ और ‘सूर्यास्त’ कहते हैं, वह असल में धरती के घूमने की वजह से होता है, न कि सूरज के डूबने या उगने से।
तो अगली बार जब आप गर्मियों की लंबी शामों का लुत्फ लें, तो याद रखें—यह सब धरती के झुकाव और सूर्य से हमारे संबंध का वैज्ञानिक चमत्कार है। और हां, यही समय है सूरज की इन देर तक चलने वाली किरणों के साथ थोड़ी देर सुकून की सांस लेने का भी।