भारत में महंगाई की नई लहर! पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने-पीने तक सब कुछ हो सकता है महंगा, जानें वजह

punjabkesari.in Tuesday, Jun 17, 2025 - 11:23 PM (IST)

नेशनल डेस्कः  ईरान और इज़राइल के बीच चल रहे युद्ध का भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ने की आशंका है। भारत, जो अपनी अधिकांश ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए मध्य पूर्व पर निर्भर है, इस संघर्ष से कई मोर्चों पर प्रभावित हो सकता है। आइए जानते हैं कि यह युद्ध भारत के लिए किस तरह की चुनौतियां ला सकता है:


कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि

भारत अपनी लगभग 85% कच्चे तेल की जरूरतें आयात करता है, और अधिकांश आपूर्ति मध्य पूर्व से होती है। ईरान, जो कच्चे तेल का प्रमुख उत्पादक है, होर्मुज जलडमरूमध्य के माध्यम से वैश्विक आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि यह जलमार्ग अवरुद्ध होता है, तो वैश्विक तेल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिससे ब्रेंट क्रूड की कीमतें $120 प्रति बैरल तक पहुँच सकती हैं। इससे भारत में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जो महंगाई को बढ़ावा देगी ।

मुद्रा स्फीति और व्यापार घाटा

क्रूड की कीमतों में वृद्धि से भारत का व्यापार घाटा और चालू खाता घाटा बढ़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप रुपये की विनिमय दर पर दबाव बढ़ेगा, जिससे मुद्रा स्फीति (inflation) में वृद्धि हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, क्रूड की कीमतों में हर $10 प्रति बैरल की वृद्धि से भारत का चालू खाता घाटा 0.3% बढ़ सकता है।


निर्यात और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान

ईरान-इज़राइल संघर्ष से महत्वपूर्ण शिपिंग मार्गों, जैसे होर्मुज जलडमरूमध्य और लाल सागर, पर असर पड़ सकता है। इससे भारत के निर्यात प्रभावित हो सकते हैं, खासकर खाद्य पदार्थों, रसायनों और अन्य वस्तुओं की आपूर्ति में देरी हो सकती है। इसके अलावा, ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम और पिस्ता की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है, जिससे कीमतों में वृद्धि हो सकती है।


महंगाई का असर आम लोगों पर

ईंधन की कीमतों में वृद्धि से परिवहन लागत बढ़ेगी, जिससे रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, खाद्य तेल, फल, सब्जियाँ और अन्य आवश्यक वस्तुएं महंगी हो सकती हैं। इससे आम लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।


शेयर बाजार पर प्रभाव

वैश्विक तेल कीमतों में वृद्धि और भू-राजनीतिक तनाव के कारण भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी जा सकती है। विशेषकर तेल और गैस, परिवहन और खुदरा क्षेत्रों में निवेशकों का विश्वास कम हो सकता है, जिससे बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है।


भारत की प्रतिक्रिया

भारत ने ईरान-इज़राइल संघर्ष पर चिंता व्यक्त की है और दोनों देशों से शांति की अपील की है। भारत ने कहा है कि वह इस स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।


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Content Writer

Pardeep

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