देश की राजधानी में गायब हो रहे लोग! जनवरी से जुलाई तक 7 हजार से ज्यादा लापता

punjabkesari.in Wednesday, Jul 23, 2025 - 11:44 PM (IST)

नेशनल डेस्कः देश की राजधानी दिल्ली से एक हैरान कर देने वाली रिपोर्ट सामने आई है। 1 जनवरी से 23 जुलाई 2025 के बीच दिल्ली से 7,880 से अधिक लोग लापता हो चुके हैं और अभी तक उनमें से अधिकांश का कोई पता नहीं चल पाया है। यह आंकड़े Zonal Integrated Police Network (ZIPNET) से सामने आए हैं, जो पूरे मामले की भयावहता को उजागर करते हैं।

लापता लोगों में महिलाएं सबसे अधिक

ZIPNET के मुताबिक, लापता हुए व्यक्तियों में:

  • 4,753 महिलाएं

  • 3,133 पुरुष
    शामिल हैं, जो राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक चिंताओं पर बड़ा सवाल खड़ा करते हैं।

जिलावार स्थिति: बाहरी उत्तरी दिल्ली सबसे आगे

जिला लापता लोगों की संख्या
बाहरी उत्तरी दिल्ली 908
उत्तर पूर्वी दिल्ली 730
दक्षिण पश्चिम 717
दक्षिण पूर्व 689
बाहरी जिला 675
द्वारका 644
उत्तर पश्चिम 636
पूर्वी दिल्ली 577
रोहिणी 452
मध्य दिल्ली 363
उत्तर दिल्ली 348
दक्षिण दिल्ली 215
शाहदरा 201
नई दिल्ली 85 (सबसे कम)

 

नई दिल्ली जैसे हाई-सिक्योरिटी इलाकों (तिलक मार्ग, चाणक्यपुरी, संसद मार्ग) से भी 85 लोग लापता होना बेहद चौंकाने वाला है।

अज्ञात शव: क्या इनमें से कई लापता लोग हैं?

इसी 7 महीने की अवधि में दिल्ली में 1,486 अज्ञात शव बरामद किए गए हैं, जिनमें:

  • सबसे अधिक शव उत्तरी जिले (352) में पाए गए हैं, जिसमें कोतवाली, सब्जी मंडी और सिविल लाइंस जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

जिला अज्ञात शवों की संख्या
उत्तर दिल्ली 352
मध्य दिल्ली 113
उत्तर पश्चिम 93
दक्षिण पूर्व 83
दक्षिण पश्चिम/उत्तर पूर्व 73-73
बाहरी दिल्ली 65
पूर्व/नई दिल्ली 55-55
पश्चिम/बाहरी उत्तर 54-54
रोहिणी 44
शाहदरा 42
द्वारका 35
दक्षिण दिल्ली 26
रेलवे 23
IGI एयरपोर्ट 1

 

इन शवों में महिलाओं और पुरुषों दोनों के अवशेष पाए गए हैं, और उनकी अब तक पहचान नहीं हो सकी है।

क्या कहता है कानून और टेक्नोलॉजी?

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में पुलिस से पूछा कि क्या लापता लोगों को खोजने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया जा रहा है। न्यायालय ने इस पर रिपोर्ट मांगी है कि facial recognition, CCTV ट्रैकिंग जैसी तकनीक किस हद तक प्रभावी साबित हुई है।

ऑपरेशन मिलाप: पुलिस की कोशिश

दिल्ली पुलिस की पहल ‘ऑपरेशन मिलाप’ के तहत जनवरी से जून 2025 के बीच:

  • 521 लोगों को उनके परिवार से मिलाया गया, जिनमें 149 बच्चे और 372 वयस्क शामिल हैं।

हालांकि, यह संख्या कुल लापता लोगों (7,880) की तुलना में बहुत कम है, जो बताता है कि तलाश और पुनर्प्राप्ति में अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है।

क्या है ZIPNET?

ZIPNET (Zonal Integrated Police Network) एक इंटर-स्टेट पुलिस डेटा नेटवर्क है जो लापता व्यक्ति, अज्ञात शव, चोरी हुए वाहन, गुमशुदा/अज्ञात बच्चे और चोरी हुए मोबाइल्स की जानकारी साझा करने के लिए बनाया गया है।

  • शुरुआत: 2004

  • कनेक्टेड राज्य: दिल्ली सहित 8 राज्य

  • डेटा: गुमशुदगी, शव, चोरी आदि से जुड़ी वास्तविक समय की सूचना

हाल में ZIPNET से लापता व्यक्तियों के रिश्तेदारों की जानकारी हटा दी गई थी, क्योंकि इस डेटा का इस्तेमाल कुछ लोग धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग के लिए कर रहे थे।

आगे क्या ज़रूरी है?

  1. AI तकनीक का तेज़ और नैतिक उपयोग

  2. जिलावार फोकस और पुलिस स्टाफिंग में वृद्धि

  3. कम्युनिटी अवेयरनेस और भागीदारी

  4. ZIPNET को नागरिकों के लिए अधिक यूज़र फ्रेंडली बनाना


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Content Writer

Pardeep

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