''वक्त आ गया है कि सनातन धर्म रक्षा बोर्ड बनाया जाए...'', तिरुपति लड्डू में चर्बी विवाद पर भड़के पवन कल्याण
punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2024 - 07:25 PM (IST)
अमरावतीः आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने शुक्रवार को कहा कि वह तिरुपति मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी पाए जाने की बात से ‘बहुत व्यथित' हैं और उनका सुझाव है कि मंदिरों से संबंधित मुद्दों पर विचार करने के लिए एक ‘सनातन' राष्ट्रीय बोर्ड गठित किया जाए। उनकी इस टिप्पणी से दो दिन पहले मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने श्री वेंकेटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डुओं को बनाने में घटिया सामग्री एवं पशु चर्बी का उपयोग किया। कल्याण ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘तिरुपति बालाजी के प्रसाद में पशु चर्बी (मछली का तेल, सूअर की चर्बी और बीफ चर्बी) मिलाए जाने की बात से हम सभी बहुत व्यथित हैं। वाईएसआरसीपी सरकार द्वारा गठित टीटीडी बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे।''
जनसेना पार्टी के प्रमुख (कल्याण) ने कहा कि देश में मंदिरों से संबंधित मुद्दों पर गौर करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड' गठित करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्तर पर सभी नीति निर्माताओं, धार्मिक प्रमुखों, न्यायपालिका, नागरिकों और संबंधित क्षेत्रों के अन्य लोगों के बीच चर्चा हो।'' अभिनेता से नेता बने कल्याण ने कहा कि राज्य सरकार मिलावटी लड्डुओं के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कटिबद्ध है और यह मामला मंदिरों, उनकी जमीन और अन्य पारंपरिक अनुष्ठानों को कथित रूप से अपवित्र करने से जुड़े मुद्दों को सामने लाता है। कल्याण ने सभी से ‘सनातन धर्म (हिंदुत्व)' को किसी भी रूप में अपवित्र करने पर पूर्ण विराम लगाने के लिए साथ आने की अपील की।
लड्डू में जानवर की चर्बी इस्तेमाल करने का आरोप
आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को एनडीए विधायक दल की बैठक में दावा किया था कि पिछली YSRCP यानी जगन रेड्डी की सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और उन्होंने तिरुमला लड्डू के निर्माण में भी घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया। वहीं, YSRCP का कहना है कि जगन मोहन रेड्डी और पिछली सरकार पर हमला करने के लिए नायडू यह घिनौना आरोप लगाया है। यह निंदनीय है।
लैब रिपोर्ट में क्या मिला?
टीडीपी में मंदिर के प्रसाद में जानवर की चर्बी के इस्तेमाल से जुड़ी कथित प्रयोगशाला रिपोर्ट दिखाई है। इसमें दिए गए घी के नमूने में “गोमांस की चर्बी” की मौजूदगी की पुष्टि की गई है। कथित प्रयोगशाला रिपोर्ट में नमूनों में “लार्ड” (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी का भी दावा किया गया है। सैंपल लेने की तारीख नौ जुलाई 2024 थी और प्रयोगशाला रिपोर्ट 16 जुलाई।