उल्टी करते वक्त चलती ट्रेन से गिरी नवविवाहिता, पति ने एक किलोमीटर तक गोद में उठाया..., लेकिन मौत से हार गया प्यार

punjabkesari.in Thursday, May 29, 2025 - 03:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश में ग्वालियर निवासी वकील विकास जोशी और उरई (जालौन) की रहने वाली शिवानी शर्मा की शादी 16 अप्रैल 2025 को हुई थी। शिवानी एलएलबी की छात्रा थीं और हाल ही में परीक्षा देने अपने पति के साथ उरई गई थीं। परीक्षा खत्म होने के बाद दोनों मंगलवार, 27 मई को ग्वालियर लौटे और अगले दिन इंदौर के लिए ट्रेन से रवाना हुए। विकास इंदौर में वकालत करते हैं और वहीं रहते हैं। बुधवार रात करीब 9 बजे की बात है। ट्रेन शिवपुरी रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर थी, तभी शिवानी को अचानक उल्टी आने लगी। वह कोच के दरवाजे पर पहुंचीं। उसी समय विकास पानी लेने अंदर गए थे। वापस लौटने पर पास खड़े एक युवक ने उन्हें बताया कि महिला का पैर फिसल गया है और वह ट्रेन से नीचे गिर गई है।

पति ने तुरंत खींची चेन और लगा पत्नी की तलाश में

जैसे ही विकास को यह जानकारी मिली, उन्होंने बिना समय गंवाए ट्रेन की इमरजेंसी चेन खींच दी और खुद भी ट्रेन से कूद गए। इस दौरान ट्रेन करीब एक किलोमीटर तक आगे निकल गई थी। अंधेरे में, बिना किसी मदद के विकास ने अपनी पत्नी को ढूंढना शुरू किया। आखिरकार उन्हें शिवानी रातौर क्रॉसिंग के पास मरणासन्न हालत में सड़क पर मिलीं। पत्नी की हालत देखकर विकास घबरा गए लेकिन हार नहीं मानी। उन्होंने शिवानी को गोद में उठाया और करीब आधा किलोमीटर तक पैदल चलकर सड़क तक पहुंचे। वहां एक कार सवार ने मदद की और दोनों को जिला अस्पताल ले जाया गया। लेकिन अफसोस, डॉक्टरों ने शिवानी को मृत घोषित कर दिया।

जीआरपी की लापरवाही बनी सवाल

विकास ने पुलिस को बताया कि उन्होंने जीआरपी से मदद मांगी लेकिन उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला। अंधेरे में सिर्फ मोबाइल की टॉर्च से उन्होंने पत्नी को ढूंढा। यहां तक कि जब वह घायल पत्नी के साथ अस्पताल जाने की कोशिश कर रहे थे तब भी जीआरपी के कर्मचारी उनसे सिर्फ कागजों पर दस्तखत करवाने में लगे रहे। विकास ने कहा कि अगर समय पर मदद मिलती तो शायद शिवानी की जान बचाई जा सकती थी। थाना कोतवाली के एसआई सुमित शर्मा ने बताया कि महिला की मौत ट्रेन से गिरने की वजह से हुई है। विकास जोशी की शिकायत पर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। इस हादसे ने रेल यात्रियों की सुरक्षा और आपात स्थिति में मिलने वाली मदद पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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