संसद से मिल मंजूरी, ...तो नौकरी पाना हो जाएगा आसान

punjabkesari.in Wednesday, Nov 01, 2017 - 05:33 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्‍ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण अधिनियम 1993 में संशोधन को आज मंजूरी प्रदान कर दी जिसे राष्‍ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण (संशोधन) अधिनियम 2017 शीर्षक के तहत विधेयक के रूप में संसद में पेश किया जाएगा। अगर अधिनियम को संसद से मंजूरी मिल जाती है तो शिक्षकों के लिए नौकरी पाना आसान हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरें‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया। इसके तहत राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षण परिषद (एन.सी.टी.ई.) की अनुमति के बिना शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को संचालित करने वाले केन्‍द्रीय/राज्‍य/ विश्‍वविद्यालयों को भूतलक्षी प्रभाव से मान्‍यता प्रदान करने का प्रावधान है।  

नौकरी पाना होगा आसान 
इस संशोधन में एन.सी.टी.ई मान्‍यता के बिना शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित करने वाले केन्‍द्र/राज्‍य/संघ शासित क्षेत्र के वित्‍तपोषित संस्‍थानों या विश्‍वविद्यालयों को अकादमिक सत्र 2017-2018 तक भूतलक्षी प्रभाव से मान्‍यता प्रदान करने का प्रावधान है। 
-यह भूतलक्षी प्रभाव के मान्‍यता एकबारगी उपाय के रूप में दी जा रही है ताकि इन संस्‍थानों से उत्‍तीर्ण हुए या पंजीकृत छात्रों के भविष्‍य को खतरा न हो। 
-इस संशोधन से इन संस्‍थाओं या विश्‍वविद्यालयों में पढ़ रहे अथवा यहां से पहले ही उत्‍तीर्ण हो चुके छात्र शिक्षक के रूप में रोजगार पाने के पात्र हो सकेंगे। 
-यह संशोधन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत स्‍कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग लेकर आया है।  

शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम जैसे बी.एड और डिप्‍लोमा इन इलेमेंट्री एजुकेशन शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाने वाले सभी संस्‍थानों को एनसीटीई अधिनियम की धारा 14 के अन्‍तर्गत राष्‍ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण परिषद् से मान्‍यता लेनी होगी। इसके अलावा, ऐसे मान्‍यता प्राप्‍त संस्‍थानों या विश्‍वविद्यालयों को एन.सी.टी.ई. अधिनियम की धारा 15 के अन्‍तर्गत पाठ्यक्रमों की अनुमति प्राप्‍त करनी होगी। एन.सी.टी.ई. ने सभी केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों और राज्‍य सरकारों या राज्‍य विश्‍वविद्यालयों या जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्‍थानों (डायट) को इस संबंध में लिखकर अवगत कराया है कि शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की शुरूआत करने के लिए पूर्व अनुमति प्राप्‍त करने का अनिवार्य कानूनी प्रावधान है।  

उल्लेखनीय है कि एन.सी.टी.ई. अधिनियम 1 जुलाई, 1995 को प्रभाव में आया था और जम्‍मू कश्‍मीर राज्‍य को छोड़कर यह देशभर में लागू है। इस अधिनियम का मुख्‍य उद्देश्‍य शिक्षक प्रशिक्षण प्रणाली की आयोजना और समन्वित विकास, प्रणाली, विनियमन की प्राप्ति का लक्ष्‍य एवं उक्‍त प्रणाली में मानदंडों एवं मानको का समुचित अनुरक्षण सुनिश्चित करना है। अधिनियम के लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने की ²ष्टि से, शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को मान्‍यता देने के लिए इस अधिनियम में अलग से प्रावधान किए गए हैं।


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