पाकिस्तान ने छोड़ा सऊदी-US का साथ, चीन के साथ भारत को दिया कड़ा संदेश

punjabkesari.in Sunday, Aug 23, 2020 - 11:28 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः चीन के उकसावे में आकर कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ टिप्पणियां करके पाकिस्तान मुसीबत में फंस गया है। सऊदी अरब और अमेरिका के पैसों पर पलने वाला पाकिस्तान अब पुराने 'मालिकों' को धोखा देते हुए नए सरपरस्त और अपने चालबाज दोस्त चीन की शरण में पहुंच कर आंखें दिखा रहा है। पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की हेनान यात्रा के दौरान चीन ने अपने 'आयरन ब्रदर' पाकिस्‍तान के 'स्‍वतंत्र रास्‍ता' अख्तियार करने का समर्थन भी कर दिया है। दोनों कुटिल दोस्तों चीन और पाकिस्‍तान ने मिलकर भारत को कड़ा संदेश देते हुए यह भी ऐलान किया है कि वे अपने राष्‍ट्रीय हितों की रक्षा मिलकर करेंगे।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन-पाक का ये साझा बयान उन देशों (इसमें कुछ पाकिस्‍तान के दोस्‍त हैं) के लिए है जो इस्‍लामाबाद को यह सलाह दे रहे हैं कि वह ऐसे फैसले न ले जिससे देश के हितों को लंबी अवधि में नुकसान पहुंचे।  माना जाता है कि अरब देशों में पाकिस्‍तान के कुछ मित्र देश उसे सलाह दे रहे हैं कि वह चीन से दूरी बनाए और अमेरिका तथा उसके सहयोगी देशों के साथ दोस्‍ती बढ़ाए। अरब देशों की इस सलाह के विपरीत इमरान खान ने कहा है कि पाकिस्‍तान का भविष्‍य अब चीन के साथ जुड़ा हुआ है। दरअसल, चीन और पाकिस्‍तान की यह 'नापाक दोस्‍ती' ऐसे समय परवान चढ़ रही है जब सऊदी अरब और अमेरिका ने इस्‍लामाबाद को कश्‍मीर पर झटका दे दिया है।

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वहीं ड्रैगन का भारत के साथ सीमा पर तनाव चरम पर है। पाकिस्‍तानी अखबार एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने पाकिस्‍तान के 'स्‍वतंत्र' तरीके से विकास का रास्‍ता चुनने का समर्थन किया है जो 'राष्‍ट्रीय शर्तों', बेहतर बाहरी सुरक्षा माहौल और अंतरराष्‍ट्रीय तथा क्षेत्रीय मामलों में और ज्‍यादा सकारात्‍मक भूमिका निभाने पर आधार‍ित है। चीन और पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रियों की बातचीत के बाद जारी साझा बयान में इसका उल्‍लेख किया गया है। पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री की यह चीन यात्रा ऐसे समय पर हुई है जब पाकिस्‍तान का सऊदी अरब और UAEके साथ टकराव चल रहा है। इन दोनों ही देशों ने पाकिस्‍तान की कश्‍मीर पर नाजायज मांग को समर्थन नहीं दिया है। यही नहीं कुरैशी के इस्‍लामिक देशों के एक अलग गुट को बनाने की धमकी के बाद भड़के सऊदी अरब ने अपना पैसा वापस मांगा है। चीन ने इस मौके का फायदा उठाते हुए पाकिस्‍तान पर अपनी पकड़ को और ज्‍यादा मजबूत कर लिया है।

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चीन ने पाकिस्‍तान को कर्ज चुकाने के लिए एक अरब डॉलर दिया है जिसे उसने सऊदी अरब को दिया है। अब पाकिस्‍तान तुर्की और मलेशिया के साथ मिलकर मुस्लिम देशों का एक अलग गुट बनाने का ख्‍वाब देख रहा है। यही नहीं पाकिस्‍तान सऊदी अरब के धुर विरोधी ईरान से भी अपना संबंध बढ़ा रहा है। चीन और पाकिस्‍तान के बीच घोषणापत्र में सबसे महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा यह है कि चीन ने पाकिस्‍तान को ऐसी स्‍वतंत्र नीतियों को बनाने का समर्थन किया है जो उसके राष्‍ट्रीय हित में हैं। चीन ने कहा कि दक्षिण एशिया में पाकिस्‍तान उसका सबसे सच्‍चा भागीदार है। यही नहीं चीन पाकिस्‍तान के क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और स्‍वतंत्रता तथा स्‍वतंत्र तरीके से विकास के रास्‍ते का समर्थन करता है जो उसके अपने राष्‍ट्रीय हित पर आधारित है।


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Tanuja

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