ओवैसी का मीडिया पर तंज- 4.3 करोड़ विधवा महिलाओं पर कब बोलोगे
punjabkesari.in Tuesday, Apr 18, 2017 - 03:03 PM (IST)

नई दिल्ली: तीन तलाक पर जारी बवाल के बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने देश में मौजूद सामाजिक कुरीतियों पर कुछ चुभते हुए सवाल किए हैं। इसके साथ ही ओवैसी ने तीन तलाक को मुद्दा बनाने और विधवा महिलाओं के मामले में खामोशी पर मीडिया की भी आलोचना की। ओवैसी ने कहा कि सभी पत्रकार, टीवी एंकर तलाक के मुद्दे में घुसे हुए हैं। आखिर देश की 4.3 करोड़ विधवा महिलाओं को लेकर उनके क्या खयाल हैं? क्या वो उन्हें आर्थिक मदद करेंगे ताकि वो दोबारा शादी कर सके।
महिला विंग ने तलाक को लेकर की स्टडी
मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड की महिला विंग ने एक स्टडी की है जिसके मुताबिक दूसरे समुदायों की तुलाना में मसलमानों के यहां तलाक की दर कम है। ये दावा मुस्लिम आबादी वाले जिलों की फैमिली कोर्ट के आंकड़ों पर आधारित है। ये आंकड़े 2011-2015 के बीच के है। इस स्टडी के लिए 8 जिलों का चुनाव किया गया। ये जिले कैमूर (केरल) नासिक (महाराष्ट्र) करीमनगर (तेलंगाना) गुंटुर ( आंध्र प्रदेश ) सिकंदराबाद (हैदराबाद), मल्लापुरम (केरल), एर्नाकुलम (केरल) और पलक्कड़ (केरल) हैं।
स्टडी में इन जिलों की मुस्लिम, हिंदू, सिख और ईसाई आबादी इकट्ठा की गई है और फिर उनके बीच तलाक की संख्या निकाली गई। इन आंकड़ों के आधार पर इन 8 जिलों में जहां 1307 तलाक के मामले मुसलमानों के यहां पेश आए, वहीं हिंदुओं में ये संख्या 16,505 थी। ईसाइयों के यहां 4827 हैं, जबकि सिख के यहां 8 मामले मिल। केंद्र सरकार ने समानता और धर्मनिरपेक्षता के आधार पर तीन तलाक का विरोध किया है, जबकि मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड तीन तलाक की सही ठहराता है।