water drink daily: एक किडनी वाले लोग कितना पानी पिएं? जानिए विशेषज्ञ की राय
punjabkesari.in Tuesday, Aug 05, 2025 - 01:16 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अगर आपके शरीर में सिर्फ एक ही किडनी है, तो यह सवाल बार-बार आपके दिमाग में आना लाजमी है कि आपको रोजाना कितनी मात्रा में पानी पीना चाहिए। आमतौर पर, एक सामान्य और स्वस्थ इंसान के लिए दिन में 2 से 2.5 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है, लेकिन जब बात एकमात्र किडनी की हो, तो सावधानी और समझदारी की जरूरत होती है।
एक किडनी होने पर पानी पीने में बरतें समझदारी
प्रसिद्ध किडनी रोग विशेषज्ञ के अनुसार, यदि किसी के पास सिर्फ एक किडनी है, तो उसे अपनी प्यास और शरीर की जरूरतों को ध्यान में रखकर पानी पीना चाहिए, लेकिन पानी की मात्रा दो लीटर से कम नहीं होनी चाहिए।
कम पानी पीने से किडनी को होते हैं गंभीर नुकसान
शरीर में पानी की कमी का असर सबसे पहले पेशाब की गुणवत्ता पर पड़ता है। जब पानी पर्याप्त नहीं होता, तो पेशाब गाढ़ा हो जाता है, जिससे पथरी बनने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, कम पानी पीने से बैक्टीरिया को शरीर में पनपने का मौका मिलता है, जो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) और आगे चलकर किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।
किडनी की सेहत के लिए क्यों जरूरी है हाइड्रेशन?
किडनी का मुख्य कार्य शरीर से विषैले तत्वों (toxins) को बाहर निकालना है। जब शरीर को पर्याप्त पानी नहीं मिलता, तो किडनी पर ज़्यादा दबाव पड़ता है और वह टॉक्सिन्स को ठीक तरह से फिल्टर नहीं कर पाती। इससे न केवल किडनी की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है, बल्कि शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं। यही नहीं, कम पानी पीने से मेटाबॉलिज्म भी धीमा हो जाता है, जिससे वज़न बढ़ने का खतरा रहता है।
कितना पानी पीना है सही?
विशेषज्ञ के अनुसार, एक किडनी वाले व्यक्ति को कम से कम 2.5 लीटर पानी रोजाना पीना चाहिए। हालांकि, यह मात्रा हर व्यक्ति के शरीर की जरूरतों, वजन, उम्र और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करती है। यदि किसी को क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) है या वह डायलिसिस पर है, तो पानी पीने की मात्रा डॉक्टर की सलाह से ही तय करनी चाहिए।
स्वस्थ लोगों के लिए क्या है पानी की सही मात्रा?
यदि आप पूरी तरह स्वस्थ हैं और किडनी से जुड़ी कोई बीमारी नहीं है, तो दिन भर में 3 से 4 लीटर पानी पीना फायदेमंद होता है। इससे पेशाब पतला रहता है और शरीर से टॉक्सिन्स आसानी से बाहर निकलते हैं, जिससे किडनी की सेहत बरकरार रहती है।