एक बार फिर मोबाइल फोन ने ‘छीन लिए 13 अनमोल प्राण’

punjabkesari.in Friday, Apr 27, 2018 - 01:42 AM (IST)

नेशनल डेस्कः मोबाइल फोन इस शताब्दी का अभूतपूर्व चमत्कार है। एक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2017 में भारतीयों ने लगभग अपना 89 प्रतिशत ‘ऑनलाइन समय’ मोबाइल फोन्स पर विभिन्न गतिविधियां करते हुए बिताया जो सर्वे में शामिल 13 देशों में सबसे अधिक है।

नि:संदेह मोबाइल फोन के असंख्य लाभ हैं परंतु इसकी कुछ हानियां भी हैं तथा वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने या ईयरफोन लगाकर गीत सुनने से सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में अनमोल प्राण जा रहे हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार 2016 में वाहन चलाते समय मोबाइल फोन के इस्तेमाल से हुई 4976 दुर्घटनाओं में 2138 लोगों की जान गई। नवीनतम सड़क दुर्घटना 26 अप्रैल को सुबह के समय उत्तर प्रदेश में कुशीनगर के दुदही रेलवे क्रासिंग पर हुई जब एक स्कूल वैन के ट्रेन की चपेट में आ जाने से 13 बच्चों की मृत्यु और 7 अन्य बच्चे घायल हो गए।

प्रथमदृष्टया दिख रही ड्राइवर की लापरवाही
दुर्घटना इतनी भयानक थी कि वैन के परखचे उड़ गए और दुर्घटना की आवाज दूर-दूर तक सुनी गई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार क्रासिंग पर मौजूद ‘गेट मित्र’ ने वैन चालक को रुकने का इशारा भी किया लेकिन कानों में ईयरफोन लगा कर गीत सुन रहा होने के कारण उसे सुनाई नहीं दिया। घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा कि ड्राइवर की यह गंभीर लापरवाही है। कान में ईयरफोन लगाकर या मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने के कारण लगातार दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं परंतु वाहन चालक इनसे कोई सबक नहीं ले रहे जो इसी वर्ष होने वाली निम्न दुर्घटनाओं से स्पष्ट है

कहां-कहां हुई घटनाएं-

  • जनवरी, 2018 को बंगाल में शिकारपुर से मालदा जा रही एक बस के नहर में गिर जाने से 43 यात्री मारे गए। बस चालक मोबाइल कान पर लगाकर बात करते हुए तेज रफ्तार से बस चला रहा था।
  • मार्च को मध्य प्रदेश के पिपरिया में बारातियों से भरी एक बस बेकाबू होकर सड़क से गहरे नाले में उतर गई जिससे 30 बाराती घायल हो गए। ड्राइवर तेज रफ्तार से बस चलाते समय कान से मोबाइल लगाकर बात कर रहा था जो दुर्घटना का कारण बना।
  • अप्रैल को उत्तर प्रदेश में सीतापुर के निकट बस चालक द्वारा मोबाइल पर बात करने के चलते बस बेकाबू हो कर 15 फुट नीचे नदी में गिरने से 1 महिला की मृत्यु तथा 16 अन्य यात्री घायल हो गए।
  • अप्रैल को ऊना के पंडोगा में बस चालक द्वारा मोबाइल पर बात करने के कारण बस एक ट्रक से टकरा गई जिससे 22 यात्री घायल हो गए।
  • अप्रैल को मुरादाबाद में ट्रैक्टर चालक द्वारा मोबाइल पर बात करने के चलते ट्रैक्टर बेकाबू होकर एक खाई में पलट जाने से उसमें सवार 15 लोग घायल हो गए।
  • अप्रैल को गाजियाबाद के निकट नैशनल हाईवे पर फोन पर बात करते हुए सूमो बैक करते समय चालक इतना खो गया कि गाड़ी सरकते-सरकते 20 फुट गहरे नाले में जा गिरी और 7 लोगों की मृत्यु हो गई।
  • विशेषज्ञों का इस बारे कहना है कि यदि नागरिक ट्रैफिक नियमों का पालन करें और वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें तो सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी लाई जा सकती है।

क्या कहा रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी का कहना है कि‘‘मीडिया में ऐसी अनेकों घटनाएं रिपोर्ट होती हैं कि ईयरफोन लगाकर रेलवे ट्रैक के समीप गए लोगों की जान चली गई लेकिन इसके बावजूद ऐसी घटनाएं जारी हैं। अत: लोगों को अधिक जागरूक और सतर्क करना जरूरी है।’’इसके साथ ही सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को पकडऩे में लापरवाही बरतने वाले सम्बन्धित कर्मचारियों के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है जो दोषियों को पकडऩे की बजाय अक्सर स्वयं वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करते नजर आते हैं।

बंगाल में चालक की लापरवाही से 43 लोगों की मृत्यु के बाद बड़ा कदम उठाते हुए बंगाल सरकार ने वाहन चलाते समय फोन पर बात करता पाए जाने पर चालक का लाइसैंस तत्काल रद्द करने का निर्णय लिया है। अन्य राज्यों में भी ऐसी ही व्यवस्था करने की जरूरत है ताकि मोबाइल फोन के इस्तेमाल से होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लग सके।   —विजय कुमार


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