अगर फटा न्यूक्लियर बम: सूरज से 100 गुना तेज रोशनी और 10 KM तक सबकुछ खाक, आएगी कैंसर की सुनामी

punjabkesari.in Friday, May 09, 2025 - 02:40 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव अब उस बिंदु पर पहुंच गया है जहां दोनों देशों की सेनाएं पूरी तरह सतर्क हैं और जनता के बीच भी आशंकाओं का माहौल है। पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव और गहरा गया है। भारत की ओर से पाकिस्तान के कई सैन्य अड्डों और आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इसी बीच चर्चा अब इस सवाल पर आ गई है कि अगर पाकिस्तान के किसी बड़े शहर, जैसे इस्लामाबाद या कराची पर परमाणु बम गिरता है, तो उसका असर कितना विनाशकारी हो सकता है?

परमाणु बम का असर: सूरज से 100 गुना ज्यादा तेज चमक

रिपोर्टों के अनुसार, अगर आधुनिक और शक्तिशाली परमाणु बम का इस्तेमाल होता है, तो जहां विस्फोट होगा वहां से करीब 50 किलोमीटर के दायरे तक लोग तेज चमक से अंधे हो सकते हैं। विस्फोट के वक्त उत्पन्न तापमान दस लाख डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जो हर जीवित चीज को पलभर में भस्म कर देगा। स्टील जैसी कठोर धातुएं भी मक्खन की तरह पिघल जाएंगी और कांच की खिड़कियां 10 किलोमीटर दूर तक टूट जाएंगी।

तूफानी हवाओं और रेडिएशन की तबाही

परमाणु विस्फोट के बाद उठने वाली तेज हवाएं इतनी शक्तिशाली होंगी कि दस किलोमीटर तक हर पेड़, इमारत और ढांचा नेस्तनाबूद हो जाएगा। यह क्षेत्र एक जलते हुए तूफान में तब्दील हो जाएगा जिसमें रेडियोधर्मी कण 100 किलोमीटर तक फैल सकते हैं। इससे लंबे समय तक कैंसर, त्वचा रोग और अन्य जानलेवा बीमारियों का खतरा बना रहेगा।

मौत और बीमारी: कुछ ही पलों में लाखों की जान

एक अनुमान के अनुसार, विस्फोट के पहले घंटे में ही करीब 2 लाख लोग मारे जा सकते हैं। इसके बाद के महीनों में हजारों लोग रेडिएशन जनित बीमारियों से पीड़ित होंगे। प्रभावित शहर एक बड़े कब्रिस्तान में बदल जाएगा जहां जीवन नाम मात्र का रह जाएगा।

भारत के जवाबी हमले और सुरक्षा अभियान

भारत ने हाल ही में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित ओकारा आर्मी कैंट पर सटीक ड्रोन हमला किया। इससे पहले जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के सात आतंकियों को ढेर किया। भारत की सतर्कता और तेज जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को करारा जवाब दिया है।

सवाल बना हुआ है – क्या ये सिर्फ तनाव है या युद्ध की आहट?

जिस तरह से हालात तेजी से बदल रहे हैं और दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ रही हैं, ये साफ है कि हर फैसला अब बहुत सोच-समझकर लेना होगा। परमाणु हथियारों की ताकत जितनी घातक है, उससे बचाव उतना ही जरूरी।

 


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Content Writer

Anu Malhotra

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